पिछली बार जब कोरोना ने कोहराम मचाना शुरु किया था तो वैक्सीन ही इकलौती उम्मीद थी। लोग लंबी-लंबी कतार में लगकर टीका लगवाते नज़र आए थे। हालांकि, इस दौरान बच्चे, महिलाओं और बुजुर्गों में वैक्सीन को लेकर डर और झिझक भी दिखी थी। लेकिन, अब आप बिना किसी डर और झिझक के वैक्सीन की खुराक ले सकेंगे। दरअसल, भारत में अब नाक से दिए जाने वाले वैक्सीन को हरी झंडी मिल गई है। स्वास्थ्य मंत्री (Health Minister) मनसुख मांडविया (Mansukh Mandaviya) ने राज्य सभा में ऐलान किया कि है कि एक्सपर्ट कमेटी ने नेजल वैक्सीन को मंजूरी दे दी है। ये मंजूरी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कोरोना पर ली गई समीक्षा बैठक से पहले आई ।
Nasal Vaccine की मंजूरी का मतलब क्या है ?
- इसका मतलब ये कि अब सूई चुभोकर दी जाने वाली दवा की खुराक से आजादी मिल गई है।
- अब नाक में ड्रॉप डालने से ही काम कोरोना के खिलाफ रक्षाकवच तैयार हो जाएगा
- नाक के रास्ते दिए जाने वाले टीकों को इंजेक्शन वाले टीकों की तुलना में बेहतर माना जाता है
- iNCOVACC नेजल वैक्सीन को इंट्रानेजल कोविड वैक्सीन (Intra-Nasal Covid Vaccine) भी कहा जाता है
दरअसल, 28 नवंबर को भारत बायोटेक (Bharat Biotech International Limited) ने वैक्सीन तैयार होने की जानकारी दी थी। इसके बाद 1 दिसंबर को CDSCO ने इसके इमरजेंसी इस्तेमाल के लिए मंजूरी दे दी। 6 दिसंबर को ड्रग कंट्रोलर ऑफ इंडिया भी इसे मंजूरी मिल गई। लेकिन, कोरोना की संभावित नई लहर को देखते हुए 22 दिसंबर को एक्सपर्ट कमेटी ने इस वैक्सीन को हरी झंडी दे दी।
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Nasal Vaccine एक…फायदे अनेक !
- iNCOVACC को स्टोर करना और बांटना आसान है
- ये Nasal Vaccine 8 डिग्री सेल्सियस पर रखी जा सकती है
- कम और मध्यम आय वाले देशों के हिसाब से डिजाइन और विकसित
- नाक के रास्ते दी जाने वाली वैक्सीन दूसरों से ज्यादा असरदार
नेजल वैक्सीन को स्प्रे के माध्यम से भी लिया जा सकेगा। हालांकि ये वैक्सीन अभी प्राइवेट अस्पतालों में ही उपलब्ध होगी। लेकिन, इससे अस्पतालों में भीड़ कम होगी, हेल्थ वर्कर्स को किसी भी तरह की ट्रेनिंग देने की जरूरत नहीं होगी, प्रोडक्शन, स्टोरेज और डिस्ट्रीब्यूशन आसान होगा और वायरस नाक में ही खत्म हो जाएगा जिससे फेफड़ों को नुकसान नहीं होगा।
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कैसे काम करेगी Nasal Vaccine?
- कोरोना के अलावा कई तरह के वायरस म्युकोसा के जरिए हमारे शरीर में जाते हैं
- नेजल वैक्सीन म्युकोसा में इम्युन पैदा करती है
- ये (म्युकोसा) एक तरह का चिपचिपा पदार्थ होता है, जो नाक, फेफड़ों, पाचन तंत्र में पाया जाता है
- जो लोग पहले वैक्सीन की दो डोज ले चुके हैं, उन्हें ही बूस्टर डोज के तौर पर ये वैक्सीन लगाई जाएगी
कोरोनावायरस से पूरी दुनिया पनाह मांग रही है। चीन से लेकर जापान, और अमेरिका से लेकर जर्मनी तक कोविड के मरीज़ों की संख्या दिन दुनी चार चौगुनी बढ़ती जा रही है। कोरोना का नया वैरिएंट BF.7 कोहराम मचा रहा है। कोरोना से होने वाली मौतों की संख्या भी बढ़ती जा रही है। इन हालात में बूस्टर डोज़ लगवाने वालों की संख्या भी तेज़ी से बढ़ रही है। भारत में तो बूस्टर डोज के लिए कोविन एप (CoWIN) पर लोग तेज़ी से रजिस्ट्रेशन करवा रहे हैं। केंद्र सरकार ने भी बूस्टर डोज़ लगवाने के लिए लोगों से अपील की है। ऐसे में Nasal Vaccine आने वाले दिनों में कोरोना से लड़ाई में ब्रह्मास्त्र साबित हो सकती है।