बजट सत्र (Budget Session) के आखिरी दिन संसद के दोनों सदनों में अयोध्या में राम मंदिर निर्माण और रामलला की प्राण प्रतिष्ठा पर चर्चा (Discussion on construction of Ram temple) हुई। इस दौरान केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह (Home Minister Amit Shah) ने राम मंदिर (Ram Mandir) के लिए चलाए गए आंदोलन और लोगों को याद किया। राम मंदिर का विरोध करने पर अमित शाह ने कांग्रेस को आड़े हाथों लिया। जब अमित शाह बोल रहे थे तो सदन में जय श्रीराम का नारे भी लगते रहे (Jai Shri Ram slogans in Parliament)। अमित शाह ने कहा कि राम मंदिर का निर्माण कानून संगत है। उन्होंने कहा कि, ''हमारे गुजरात में एक कहावत है, हवन में हड्डी नहीं डालनी चाहिए। पूरा देश जब आनंद में डूबा है पूरा देश आध्यात्मिक चेतना का अनुभव कर रहा है, तो भैया स्वागत कर लो, साथ में जुड़ जाओ, इसी में देश का भी भला है और सबका भला है।''
देश के गृह मंत्री अमित शाह (Amit Shah) ने असदुद्दीन ओवैसी (Asaduddin Owaisi) पर भी हमला बोला। उन्होंने कहा कि, ''ओवैसी साहब चले गये, लेकिन मुल्ला मसीही ने भी रामायण मसीही लिखकर सबके लिए इस आदर्श को प्रस्थापित किया है।'' अमित शाह ने लोक सभा में बताया कि 22 जनवरी का दिन करोड़ों भक्तों की आशा, आकांक्षा और सिद्धि का दिन है। ये दिन समग्र भारत की आध्यात्मिक चेतना का दिन बन चुका है। अमित शाह ने ओवैसी को टारगेट इसलिए किया क्योंकि AIMIM सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने लोकसभा में बाबरी मस्जिद जिंदाबाद के नारे लगाए। ओवैसी ने कहा कि, ''मेरी फिक्र में मेरा ईमान ये कहता है कि जिस जगह पर मस्जिद थी, है और रहेगी, बाबरी मस्जिद है और रहेगी. बाबरी मस्जिद ज़िंदाबाद..ज़िंदाबाद.. भारत ज़िंदाबाद.. जयहिंद।'' यही नहीं इस दौरान असदुद्दीन ओवैसी ने पूर्व प्रधानमंत्री नरसिम्हा राव और वरिष्ठ BJP नेता लाल कृष्ण आडवाणी को भारत रत्न दिए जाने पर भी सवाल खड़े किए।

संसद में राम मंदिर निर्माण और रामलला की प्राण प्रतिष्ठा पर धन्यवाद प्रस्ताव सर्वसम्मति से पास हो गया। लोकसभा में प्रस्ताव पर चर्चा की शुरुआत BJP सांसद सत्यपाल सिंह ने की थी। जबकि कांग्रेस की तरफ से गौरव गोगोई ने अपना पक्ष रखा। उन्होंने हर वर्ग के साथ नाइंसाफी का आरोप लगाया। गौरव गोगोई ने कहा कि, ''2023 में लगभग 50 प्रतिशत अपराध बढ़ा है। क्या ये राम राज्य है? आज पिछड़ा वर्ग जातिगत जनगणना की बात कर रहा है, क्योंकि वो देख रहे हैं कि उनके साथ अन्याय हो रहा है।'' गौरतलब है कि, 22 जनवरी 2024 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अयोध्या में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा की थी।