यौन उत्पीड़न के आरोपी कुश्ती संघ (WFI) के अध्यक्ष बृजभूषण सिंह (Brij Bhushan Singh) के खिलाफ महिला रेसलर्स का धरना तीसरे दिन भी जारी है। सुप्रीम कोर्ट भी महिला रेसलर्स की याचिका पर सुनवाई के लिए राजी हो गया है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि पहलवानों ने याचिका में यौन उत्पीड़न के गंभीर आरोप लगाए हैं, जिन पर विचार करने की जरूरत है। इस मामले में शुक्रवार को सुनवाई होगी।
FIR दर्ज न करने पर दिल्ली पुलिस को नोटिस
CJI डीवाई चंद्रचूड़ ने भारतीय कुश्ती संघ (WFI) के अध्यक्ष बृजभूषण सिंह के खिलाफ अब तक FIR दर्ज न करने पर दिल्ली पुलिस को नोटिस जारी किया है। पुलिस को शुक्रवार तक जवाब देना होगा।
कपिल सिब्बल ने रखा महिला पहलवानों का पक्ष
वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल ने कोर्ट के सामने महिला पहलवानों का पक्ष रखा। उन्होंने कहा कि ये महिलाएं पहलवान हैं, इनमें से कई नाबालिग भी हैं। कमेटी की रिपोर्ट को सार्वजनिक नहीं किया गया है। FIR भी दर्ज नहीं की गई है। यहां एक व्यक्ति के खिलाफ यौन शोषण के चार्जेज हैं। आप नाबालिग की शिकायत देखें, उसने गोल्ड मेडल जीते हैं। पुलिस को भी केस दर्ज न करने का दोषी माना जाए। कपिल सिब्बल की दलीलें सुनने के बाद कोर्ट ने अपना ऑर्डर जारी किया जिसमें ये भी कहा गया कि शिकायतकर्ताओं के असली नामों के बजाय बदले हुए नाम बताए जाएंगे।
“बृजभूषण के खिलाफ शिकायत पर जान का खतरा”
इस दौरान 3 दिन से धरने पर बैठे बजरंग पुनिया ने आरोप लगाया है बृजभूषण के खिलाफ शिकायत देने वाली सातों महिला पहलवानों को शिकायत वापस लेने के लिए मजबूर किया जा रहा है। WFI के कुछ लोगों ने इन पहलवानों से संपर्क कर उन्हें पैसे देने की पेशकश की।
विनेश फोगाट और साक्षी मलिक ने कहा कि बृजभूषण सिंह के खिलाफ शिकायत देने वाली सातों पहलवानों को जान का खतरा है।