भारतीय वायुसेना के दो फाइटर जेट सुखोई-30 और मिराज-2000 दुर्घटनाग्रस्त हो गए। मिराज (Mirage 2000) में एक और सुखोई में दो पायलट सवार थे। इनमें से एक पायलट शहीद हो गए, जबकि दो पायलट की जान बच गई। एयरफोर्स के मुताबिक दोनों विमानों ने रूटीन ट्रेनिंग के लिए ग्वालियर एयरबेस से उड़ान भरी थी। लेकिन, उड़ान भरते ही इनका ATC से संपर्क टूट गया। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक दोनों विमान आसमान में टकराए और ज़मीन पर आ गिरे। बताया जा रहा है कि एक विमान राजस्थान के भरतपुर (Bharatpur) में गिरा, जबकि दूसरा विमान मध्य प्रदेश के मुरैना (Morena) में गिरा। एयरफोर्स इस मामले की जांच में जुट गई है।
भरतपुर और मुरैना के बीच 112 किलोमीटर की दूरी है। मुरैना में एक विमान पहाड़गढ़ इलाके में गिरा जो कि राजस्थान से बेहद करीब है। ऐसे में माना जा रहा है कि दोनों विमान प्रशिक्षण मिशन के दौरान आसमान में टकराए और ज़मीन पर आ गिरे। विमानों के ज़मीन पर गिरने के बाद आग लग गई। स्थानीय लोग जमा हो गए और फौरन प्रशासन को इस बारे में जानकारी दी, जिसके बाद रेस्क्यू ऑपरेशन शुरु हुआ। जानकारी के मुताबिक सुखोई-30 के पायलटों ने खुद को इजेक्ट कर लिया था जिसकी वजह से वो बच गए। इन्हें एयरफोर्स के हेलिकॉप्टर से अस्पताल पहुंचाया गया।

सुखोई-30 की शक्ति से दुश्मन थर-थर कांपते हैं
सुखोई 30 लड़ाकू जहाज भारतीय वायुसेना में लंबे समय से शामिल है। इस फाइटर जेट की ताकत का लोहा पूरी दुनिया मानती है। इस लड़ाकू विमान को रूस से खरीदा गया है। बताया जाता है कि Sukhoi-30 का निशाना अचूक है और पलभर में दुश्मन को नेस्तेनाबूद कर देता है।
- अधिकतम गति 2120 किलोमीटर प्रतिघंटा है - 8000 किलोग्राम वजन तक के हथियार उठाकर ले जा सकता है - अधिकतम ऊंचाई पर इसकी रेंज 3000 किलोमीटर है - अधिकतम 56800 फीट की ऊंचाई तक उड़ने में सक्षम है - फाइटर जेट में 30mm की एक ग्रिजेव-शिपुनोव ऑटोकैनन गन है - गन 1 मिनट में 150 राउंड फायर करती है - 12 हार्ड प्वाइंट्स हैं जिनमें हथियार लगा सकते हैं - 3 तरह के रॉकेट्स के साथ ही 4 तरह की मिसाइलें लगाई जा सकती हैं - फाइटर जेट्स में 9 तरह के बम लगा सकते हैं

‘मिराज’ की मार से मात खा चुका है पाकिस्तान
मिराज 2000 से भारत ने कई बार दुश्मनों को धूल चटाई है। बालाकोट और पीओके के दो इलाकों मुजफ्फराबाद और चिकोटी पर सर्जिकल स्ट्राइक (Surgical Strike) के दौरान मिराज-2000 फाइटर प्लेन का ही इस्तेमाल किया गया था। ये वही विमान है जिसने पाकिस्तान की वायुसेना को चकमा देते हुए आतंकी अड्डों को तबाह किया था।
- भारतीय वायुसेना ने इजरायली स्पाइस-2000 सिस्टम को मिराज में फिट किया है - मिराज-2000 को फ्रांस की डासो एविएशन कंपनी ने ही बनाया है - करगिल के युद्ध में इन विमानों ने अहम भूमिका निभाई थी - इसका वजन 7,500 किलोग्राम और लंबाई 47 फीट है - इसमें 2,000 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से उड़ने की क्षमता है - भारत ने इन विमानों को पहली बार 80 के दशक में खरीदने का ऑर्डर दिया था - छोटे रनवे के लिए ये विमान बहुत ही उपयुक्त माना जाता है - इसके लिए महज 400 मीटर का रनवे ही काफी होता है