देश के कई हिस्सों में लगातार हो रही बारिश (Rain) के कारण बाढ़ (flood) जैसी स्थिति पैदा हो गई है। खबरों के मुताबिक, बाढ़ के पानी से असम (Assam) के लखीमपुर (Lakhimpur) जिले के 4 राजस्व मंडलों के 67 गांव जलमग्न हो गए हैं। कई नए इलाकों में बाढ़ का पानी भर जाने के बाद जिले में स्थिति और भी खराब हो गई है, जिससे लगभग 60,300 लोग प्रभावित हुए हैं। रिपोर्ट के मुताबिक, करीब 545.50 हेक्टेयर फसल क्षेत्र अभी भी पानी में डूबा हुआ है। असम राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (ASDMA) ने कहा कि, जिले के नोबोइचा राजस्व सर्कल क्षेत्र में लगभग 37,700 लोग और बिहपुरिया राजस्व सर्कल में 22,510 लोग प्रभावित हुए हैं।
असम के बाढ़ प्रभावित इलाकों में जिला प्रशासन ने 7 सहायता वितरण केंद्र स्थापित किये हैं। मुर्गीपालन सहित 10,000 से अधिक घरेलू जानवर बाढ़ से प्रभावित हुए हैं। दूसरी ओर, लगातार बारिश के कारण ब्रह्मपुत्र नदी सोनितपुर जिले के तेजपुर और जोरहाट जिले के नेमाटीहाट में खतरे के निशान से ऊपर बह रही है। शिवसागर जिले के नंगलामुराघाट में दिसांग नदी अभी भी खतरे के निशान से ऊपर बह रही है। ASDMA की बाढ़ रिपोर्ट के अनुसार, सोनितपुर जिले के बिश्वनाथ उप-मंडल में 2,866 लोग और धेमाजी जिले में 2,696 लोग प्रभावित हुए हैं।
भारत मौसम विज्ञान विभाग ने 13 जुलाई तक पूरे पूर्वोत्तर भारत और सिक्किम में असाधारण भारी वर्षा गतिविधि के साथ-साथ बिहार (Bihar) और उत्तर प्रदेश (Uttar Pradessh) में भारी से बहुत भारी वर्षा की आशंका जताई है। IMD ने पश्चिम बंगाल, झारखंड और ओडिशा को छोड़कर पूरे देश में सामान्य वर्षा गतिविधि की भी भविष्यवाणी की है। वहीं 24 जून को मानसून की शुरुआत के बाद से कल तक हिमाचल प्रदेश में भारी बारिश के कारण लगभग 72 लोगों की मौत की सूचना है और 8 से 10 लोग लापता हैं। 73 से अधिक घर क्षतिग्रस्त हो गए हैं और 373 जानवर मर गए हैं। 761 करोड़ रुपये से ज्यादा की संपत्ति का नुकसान हुआ है।
IMD ने उत्तराखंड (Uttarakhand) के लिए रेड अलर्ट जारी किया है। इसके अलावा उत्तर पश्चिम उत्तर प्रदेश में भी भारी बारिश का अनुमान है। हिमाचल (Himachal Pradesh) में भारी बारिश रुक गई है, जबकि दिल्ली/एनसीआर (Delhi-NCR) क्षेत्र में हल्की से मध्यम बारिश की उम्मीद है। अत्यधिक बारिश के अलर्ट के दौरान दिल्ली, उत्तराखंड, पंजाब और अन्य राज्यों में NDRF की 39 टीमें तैनात की गई हैं। ओडिशा और महाराष्ट्र की टीमें भी स्टैंडबाय पर हैं। हिमाचल प्रदेश में अचानक आई बाढ़, भूस्खलन और भारी मानसूनी बारिश के कारण जानमाल की काफी हानि हुई है। संपत्ति और बुनियादी ढांचे को व्यापक नुकसान हुआ है, जिसकी अनुमानित लागत करीब 785.51 करोड़ रुपये है।