वाराणसी में जी-20 सम्मेलन (G20 Summit) के तहत सोमवार को आयोजित विकास मंत्रियों की बैठक (G20 Development Ministers’ Meeting) से पहले पीएम मोदी (PM Modi) का विशेष वीडियो संबोधन हुआ। इस मौके पर पीएम मोदी ने कहा कि लोकतंत्र की जननी के सबसे पुराने जीवित शहर में आप सभी का हार्दिक स्वागत करता हूं। ये जी-20 विकास मंत्रियों की बैठक के लिए उपयुक्त स्थान है। पीएम मोदी ने कहा कि विकास एक सामुहिक जिम्मेदारी (development collective responsibility) है। जिसके लिए भारत हर संभव मदद को तैयार है। भारत अपने अनुभव बांटने को तैयार है। दुनिया को बचाने के लिए पर्यावरण (Environment) पर ध्यान देना बेहद महत्वपूर्ण है। हम नदी और पेड़ों का सम्मान करते हैं।
पीएम मोदी ने कहा कि वैश्विक दक्षिण के लिए विकास प्रमुख मुद्दा है। कोरोना के दौरान वैश्विक दक्षिण के देश गंभीर रूप से प्रभावित थे। कोरोना के कारण खाद्य, ईंधन और उर्वरक संकट ने एक और झटका दिया है। ऐसी परिस्थितियों में आप जो निर्णय लेते हैं उसका बहुत ही महत्व होता है। पीएम ने ये भी कहा कि हमें ये तय करना चाहिए कि कोई भी विकास की दौड़ में पीछे न छूटे। इसके लिए हमारे पास एक कार्ययोजना है। हमारी कोशिशें व्यापक, समावेशी, निष्पक्ष और टिकाऊ होनी चाहिए। पीएम मोदी ने लैंगिक समानता और महिला सशक्तिकरण को लेकर भी अपनी बात रखी। पीएम मोदी ने कहा कि भारत में डिजिटलीकरण ने क्रांतिकारी परिवर्तन लाया है। प्रौद्योगिकी का उपयोग लोगों को सशक्त बनाने, डेटा को आसान बनाने और समावेशिता सुनिश्चित करने के लिए एक उपकरण के रूप में किया जा रहा है।
गंगा आरती में शामिल हुए विदेशी मेहमान
काशी में जी-20 बैठक में हिस्सा लेने आए विदेशी प्रतिनिधि रविवार शाम को गंगा आरती (Ganga Arti) में भी शामिल हुए। विदेशी मेहमानों ने दशाश्वमेध घाट पर शंखनाद, घंटी, डमरू की आवाज और मां गंगा के जयकारों के बीच हुई गंगा आरती को देखा। विशेष आरती के लिए दशाश्वमेध घाट (Dashashwamedh Ghat) को फूल मालाओं और दीयों से सजाया गया था। गंगा आरती की शुरुआत भोलेनाथ की प्रतिमा पर पुष्प वर्षा कर गणपति पूजन से हुई।
“सारा वक्त मीटिंग में न बिताएं, काशी का अनुभव भी कीजिए”
जी-20 देशों के विकास मंत्रियों सहित 200 विदेशी मेहमान प्रतिनिधियों का नेतृत्व भारत के विदेश मंत्री एस. जयशंकर (Foreign Minister S. Jaishankar) ने किया। सोमवार को पीएम मोदी ने विदेशी मेहमानों से काशी की आत्मा और ऊर्जा का भी जिक्र किया। पीएम ने कहा कि मुझे उम्मीद है कि आप अपना सारा समय मीटिंग रूम में नहीं बिताएंगे। आपको काशी की आत्मा को तलाशने और अनुभव करने के लिए प्रोत्साहित करता हूं। मैं ऐसा केवल इसलिए नहीं कहता कि काशी मेरा निर्वाचन क्षेत्र है। मुझे विश्वास है कि गंगा आरती और सारनाथ की यात्रा का अनुभव बिल्कुल अलग होगा।
पीएम मोदी ने कहा कि एजेंडा 2030 को बढ़ावा देने और वैश्विक दक्षिण की आकांक्षाओं को पूरा करने के लिए आपके विचार-विमर्श में सफलता की कामना करता हूं।