श्रीनगर (Srinagar) में मिग-29 (Mig-29) का स्क्वॉड्रन तैनात करने के बाद भारतीय सेना ने नॉर्दर्न सेक्टर के फॉरवर्ड एयरबेस पर एक और वायुवीर तैनात कर दिया। भारत ने यहां एडवांस्ड हेरोन मार्क-2 ड्रोन (Heron Mark-2 Drone) तैनात किए हैं। ये ड्रोन मिसाइलों से दुश्मन पर धावा बोलने में सक्षम हैं। इजरायल एयरोस्पेस इंडस्ट्रीज़ (IAI) द्वारा निर्मित हेरोन मार्क-2 ड्रोन एक ही उड़ान में कई मिशन को अंजाम देने की सलाहियत रखते हैं। चीन-पाकिस्तान बॉर्डर (China-Pakistan Border) की निगरानी के अलावा ये ड्रोन सीमाई इलाकों में स्थित कई सेक्टर्स की एक साथ निगेहबानी कर सकते हैं।
कितने घातक हैं हेरोन मार्क-2 ड्रोन्स?
हेरोन मार्क-2 ड्रोन अपने आप में एक उड़ता योद्धा है। ये मानवरहित फाइटर जेट की तरह है जो दुश्मन को पलभर में नेस्तेनाबूद कर सकता है। ये ड्रोन 277km/घंटा की रफ्तार से एक बार में 36 घंटे तक उड़ सकता है। इस ड्रोन में एयर टू ग्राउंड मिसाइल, एंटी टैंक वेपन्स और बम लगाए जा सकते हैं। हेरोन मार्क-2 ड्रोन 35 हज़ार फीट की ऊंचाई से निगरानी करने में सक्षम है। इसमें सैटेलाइट कम्युनिकेशन सिस्टम भी लगा होता है। खास बात ये है कि हेरोन मार्क-2 ड्रोन किसी भी मौसम और किसी भी इलाके में अपने मिशन को अंजाम दे सकता है। ये फाइटर जेट्स (Fighter Jets) यानि लड़ाकू विमानों की भी मदद कर सकता है। ये टारगेट पर लेज़र लाइट डालकर फाइटर जेट को उसकी पहचान करने में मदद करता है, ताकि टारगेट पर सटीक निशाना लगाया जा सके।
प्रीडेटर और हेरोन के कॉकटेल से कांपेगा दुश्मन
हेरोन मार्क-2 ड्रोन अपने पुराने वर्जन से काफी बेहतर हैं। ये शून्य से भी कम तापमान में काम कर सकते हैं। दरअसल, भारतीय वायु सेना प्रोजेक्ट चीता पर काम कर रही है, जिसके तहत 70 हेरोन ड्रोन्स को उन्नत किया जाएगा। इसके अलावा भारतीय सेना को अमेरिका (America) से 31 प्रीडेटर ड्रोन्स (Predator Drone) भी मिलने वाले हैं। इन ड्रोन्स को भी हथियारों और कई तरह के सेंसर लगाकार अपग्रेड किया जा सकेगा। 15 प्रीडेटर ड्रोन्स नेवी को मिलेंगे और 8-8 ड्रोन्स वायु सेना और आर्मी को मिलेंगे।