वास्तविक नियंत्रण रेखा पर पर चीन अपनी चालबाज़ियों और साज़िशों से बाज़ नहीं आ रहा। चीन LAC के पास सैन्य इंफ्रास्ट्रक्चर को विकसित करने के साथ चोरी-छिपे अपने सैनिकों की तैनाती में भी इज़ाफ़ा कर रहा है। अमेरिकी रक्षा वेबसाइट वॉर ज़ोन ने LAC पर चीन की सैन्य गतिविधियों से जुड़ी एक सैटेलाइट इमेज जारी की है। इस सैटेलाइट इमेज में चीन के लड़ाकू विमान, यूएवी, अर्ली वॉर्निंग सिस्टम विमान और रि-फ्यूलर्स खड़े नज़र आ रहे हैं। चीन के एक दो नहीं बल्कि पूरे 10 फाइटर जेट हवाई पट्टी पर खड़े दिख रहे हैं। हालांकि, सैटेलाइट इमेज से ये पता नहीं चल पा रहा है कि ये कौन से फाइटर जेट हैं। लेकिन, जिस तरह से एक कतार में लड़ाकू विमान खड़े नज़र आ रहे हैं उससे इस बात का अंदाज़ा लगाया जा सकता है कि चीन की मंशा क्या है।
फाइटर जेट की तैनाती के साथ भारत की जासूसी !
चीन, भारत की ओर से संभावित जवाबी हमले से निपटने की तैयारी के साथ जासूसी भी कर रहा है। सैटेलाइट इमेज से पता चलता है कि चीन ने लड़ाकू विमानों के साथ LAC के बेहद करीब एयरबॉर्न अर्ली वॉर्निंग सिस्टम एंड कंट्रोल विमान को भी तैनात कर रखा है। ये AEW विमान एयरस्पेस सर्विलांस और दुश्मन के किसी भी विमान की ख़बर देने में सक्षम है। यही नहीं, सैटेलाइट इमेज में रनवे के करीब लाइन से खड़े ये UAV भी नज़र आ रहे हैं। ये बिना पायलट वाले विमान हैं, जिन्हें बम गिराने वाले ड्रोन भी कहा जाता है।
चीन ने कहां तैनात किए अपने ‘फाइटर जेट’ ?
चीन LAC के पास तिब्बत में लगातार अपनी सेना के लिए बुनियादी ढांचे को विकसित कर रहा है। जिसका सबूत है अमेरिकी रक्षा वेबसाइट की ओर से जारी की गई सैटेलाइट तस्वीर। जिसके मुताबिक ये तस्वीर तिब्बत के शीगत्से एयरपोर्ट की है, जो LAC के बेहद करीब है।
- शीगत्से पीस एयरपोर्ट तिब्बत का पांचवां एयरपोर्ट है
- 30 अक्टूबर 2010 को ये एयरपोर्ट शुरु हुआ था
- चीन इस एयरपोर्ट का ज़्यादातर सैन्य इस्तेमाल करता है
बॉर्डर पर चीन कैसे मज़बूत कर रहा बुनियादी ढांचा ?
चीन अपनी कारगुजारियों से बाज़ नहीं आ रहा। चीन ने इसी साल सितंबर के महीने में अरुणाचल प्रदेश के पास अपनी तीन अतिरिक्त सैन्य टुकड़ियां भेजी थीं। जबकि, एक सैन्य टुकड़ी को सिक्किम से लगती सीमा के पास भी तैना, किया था। जानकारी मुताबिक चीन लगातार अरुणाचल प्रदेश के पास तिब्बत में रेल-रोड-कम्युनिकेशन को मजबूत कर रहा है। उसने पिछले साल ल्हासा से न्यिंगची तक बुलेट ट्रेन चलाई। न्यिंगची, अरुणाचल प्रदेश से कुछ ही किलोमीटर दूर है।
जबकि, चीन ने तिब्बत में पिछले साल हाइवे सहित 15 बड़े कंस्ट्रक्शन प्रोजेक्ट्स शुरू किए हैं।