लॉरेंस बिश्नोई गैंग को लेकर NIA ने सनसनीखेज खुलासे किए हैं। NIA ने अपनी चार्जशीट (charge sheet) में दावा किया है कि पाकिस्तान स्थित आतंकवादी (Pakistan-based terrorists) भारत सरकार के प्रतिष्ठानों, खासकर पंजाब में हमलों को अंजाम देने के लिए गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई ( Lawrence Bishnoi) के शूटरों का इस्तेमाल कर रहे थे। आरोप पत्र में कहा गया है कि बब्बर खालसा इंटरनेशनल (BKI) के पाकिस्तान स्थित खालिस्तानी आतंकवादी (Pakistan-based Khalistani terrorist ) हरविंदर सिंह संधू उर्फ रिंदा (Harvinder Singh Sandhu alias Rinda) ने हत्याओं और सुरक्षा प्रतिष्ठानों पर हमलों को अंजाम देने के लिए बिश्नोई के शूटरों को नियुक्त करना शुरू कर दिया था। बिश्नोई के शूटरों को नियुक्त करने के पीछे मुख्य कारण ये था कि उसका सिंडिकेट उत्तर भारत में सबसे खतरनाक आतंकवादी समूहों में से एक था, जिसके लगभग 700 सहयोगी थे, जिनमें से लगभग 300 पंजाब से थे।
NIA ने अपनी चार्जशीट में दावा किया है कि, टारगेट हरविंदर सिंह संधू उर्फ रिंदा तय करता था। जबकि इससे जुड़ी जानकारियां उन गैंगस्टरों तक पहुंचाई जाती थी जो या तो जेल में बंद थे या बाहर थे। फिर इन गैंगस्टरों के अलग-अलग शूटरों को लक्ष्य सौंपे जाते। इनमें लॉरेंस बिश्नोई के सहयोगी सतिंदरजीत सिंह उर्फ गोल्डी बराड़ (Satinderjit Singh alias Goldy Brar) और लखबीर सिंह उर्फ लांडा (Lakhbir Singh alias Landa) भी शामिल थे, जो कनाडा भाग गए थे और वर्तमान में वहां से काम कर रहे हैं। उन्होंने BKI आतंकवादी हरविंदर सिंह संधू उर्फ रिंदा के लिए काम करना शुरू कर दिया।
NIA के आरोप पत्र के मुताबिक, गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई के सहयोगियों दीपक सुरखपुर (Deepak Surakhpur) और दिव्यांशु (Divyanshu) ने रिंदा के निर्देश पर आरपीजी के साथ मोहाली में पंजाब पुलिस के खुफिया मुख्यालय पर हमला किया। हमलावरों को आरोपी जगदीप सिंह उर्फ जग्गू भगवानपुरिया (Jaggu Bhagwanpuria) द्वारा खुफिया मुख्यालय (Punjab Police) पर हमले से पहले राणा कंधोवालिया (Rana Kandhowalia) को मारने का भी निर्देश दिया गया था। इन दोनों ने लॉरेंस बिश्नोई और उसके साथियों के निर्देश पर कई अपराध किए थे।
जांच में पता चला है कि गोल्डी बराड़ 2012-13 में घर छोड़कर पढ़ाई के लिए चंडीगढ़ (Chandigarh) चला गया और बाद में कनाडा (Canada) चला गया। गोल्डी बराड़ पंजाब विश्वविद्यालय (Punjab University) के छात्र संगठन (SOPU) में शामिल हुआ और इसका अध्यक्ष भी बना। विश्वविद्यालय में अपने समय के दौरान, वो आपराधिक गतिविधियों में शामिल हो गया। गोल्डी बराड़ और लॉरेंस बिश्नोई के बब्बर खालसा इंटरनेशनल (BKI) के रिंदा और लांडा के साथ करीबी रिश्ते बन गए।
जांच से पता चला है कि गोल्डी बराड़ लांडा के साथ मिलकर कनाडा से काम कर रहा है, जबकि रिंदा पाकिस्तान से काम कर रहा है। लॉरेंस बिश्नोई, अपने भाइयों सचिन थापन बिश्नोई और अनमोल बिश्नोई और अन्य सहयोगियों के साथ, एक आतंकी-गैंगस्टर सिंडिकेट के रूप में काम करता है। वो हत्याओं को अंजाम देने के लिए उगाही के पैसे और शूटर उपलब्ध कराकर आतंकवादी गतिविधियों में रिंदा और लांडा की सहायता करता है। जांच से पता चला कि 10 नवंबर, 2022 को कोटकपूरा में डेरा सच्चा सौदा के अनुयायी प्रदीप कुमार की हत्या की योजना गोल्डी बराड़ ने बनाई थी और काला जठेरी के शूटरों ने इसे अंजाम दिया था।