मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में कांग्रेस सांसद और शायर इमरान प्रतापगढ़ी का मुशायरा हंगामे की वजह बन गया। दरअसल, कांग्रेस विधायक आरिफ मसूद की तरफ से आयोजित मुशायरे में इमरान प्रतापगढ़ी ने खरगोन का जिक्र कर दिया। जिसके बाद बीजेपी कार्यकर्ता वहां पहुंच गए और जमकर हंगामा करने लगे। इमरान प्रतापगढ़ी ने शायरी सुनाते हुए लोगों से खरगोन दंगों को याद रखने को कह दिया ।
“अपनी आंखों में रखना खरगौन को, अपनी आंखों में रखना बाक़ी वो तमाम इलाक़े, जिन्हें आप जानते हैं, समझते हैं। मैं बोल रहा हूं.. इसलिए ज़िंदा हूं कि बोल रहा हूं, दुनिया किसी गूंगे की कहानी नहीं लिखती।”
इस दौरान इमरान प्रतापगढ़ी ने चुनौती भरे अंदाज़ में ये भी कहा कि वो झुकेंगे नहीं।
“जिन्हें ये लगता है कि इमरान सियासत में आने के बाद अपनी आवाज़ का लहजा नर्म कर लेगा या चुप हो जाएगा, मैं उनसे ये कहना चाहता हूं कि मैं इसीलिए सियासत में हूं क्योंकि मुझे मज़लूमों की आवाज़ सड़क पर भी उठानी है और संसद में भी उठानी है।”
इमरान प्रतापगढ़ी की गिरफ्तारी की मांग
मुशायरे की लाइव स्ट्रीमिंग सोशल मीडिया पर भी चल रही थी, जिसमें इमरान प्रतापगढ़ी के बयानों को सुनकर बीजेपी कार्यकर्ताओं का गुस्सा सातवें आसमान पर पहुंच गया। नाराज़ बीजेपी कार्यकर्ता नारेबाजी करते हुए सड़कों पर उतर आए। कुछ देर में कार्यक्रम स्थल पर भी ज़बर्दस्त हंगामा होने लगा। विवाद बढ़ने पर पुलिस ने मुशायरा बंद करा दिया। इस बीच बीजेपी कार्यकर्ताओं ने पुलिस से भी शिकायत की और FIR दर्ज करने की मांग की। पुलिस ने जांच के बाद कार्रवाई का भरोसा दिया।
मध्य प्रदेश के खरगोन में क्या हुआ था ?
मध्य प्रदेश के खरगोन (Khargone Violence) में इस साल रामनवमी के मौके पर हिंसा भड़की थी। 10 अप्रैल को खरगोन के तालाब चौक और तवड़ी इलाके में रामनवमी के जुलूस के दौरान हिंसा में कई घरों और संपत्तियों को नुकसान पहुंचा था। एक पक्ष का आरोप है कि हिंसा तब भड़की, जब जुलूस पर पत्थरबाजी हुई। जबकि, दूसरे पक्ष ने कहा कि हिंसा जुलूस में लगाए गए भड़काऊ नारों और गानों की वजह से हुई। कथित तौर पर कुछ लोगों ने पथराव भी किया था। इस हिंसा के दौरान कुछ आम लोगों के अलावा जिले के SP सिद्धार्थ चौधरी समेत 5 पुलिसकर्मी भी घायल हुए थे। हिंसा में इबरिस उर्फ सद्दाम खान नाम के एक शख्स की मौत भी हुई थी। इस घटना के ठीक अगले दिन नुकसान की भरपाई के लिए सरकार ने एक क्लेम ट्रिब्यूनल का गठन किया था। शिवराज सरकार ने बुलडोजर से आरोपितों के घरों को ढहा दिया था।