सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (BJP) से लड़ने के लिए एक मजबूत संयुक्त मोर्चा बनाने की कोशिश कर रहे विपक्ष के लिए अगले साल होने वाले आम चुनाव की राह आसान नहीं है। विभिन्न पक्षों के बीच विभिन्न स्तरों पर बैठकें और चर्चाएँ पहले से ही चल रही हैं। जबकि, इसी दिशा में आगे बढ़ते हुए पश्चिम बंगाल (West Bengal) की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी (Mamta Banerjee) ने सोमवार को बिहार (Bihar) के सीएम नीतीश कुमार (Nitish Kumar) और डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव (Tejaswi Yadav) से मुलाकात की। बैठक के बाद संयुक्त संवाददाता सम्मेलन में, ममता बनर्जी ने एक स्पष्ट एजेंडा दिया कि वो चाहतीं हैं कि ‘बीजेपी शून्य हो जाए’ और संभावित संयुक्त मोर्चा के नेताओं के बीच में कोई व्यक्तिगत अहंकार नहीं है। ममता बनर्जी ने कहा कि….
''मैंने नीतीश कुमार से बस एक ही निवेदन किया है। जयप्रकाश जी का आंदोलन बिहार से शुरू हुआ। अगर हम बिहार में सर्वदलीय बैठक करते हैं, तो हम तय कर सकते हैं कि हमें आगे कहां जाना है। लेकिन सबसे पहले हमें ये संदेश देना होगा कि हम एक हैं। मैंने पहले भी कहा है कि मुझे कोई आपत्ति नहीं है। मैं चाहती हूं कि बीजेपी जीरो हो जाए। मीडिया के सहारे और झूठ से बड़े हीरो बन गए हैं।''
बैठक के बाद मीडिया को संबोधित करते हुए बिहार के सीएम नीतीश कुमार ने कहा कि, “सभी दलों को अगले लोकसभा चुनाव के लिए एक साथ तैयारी करनी चाहिए। विपक्षी दलों को एक साथ बैठकर रणनीति बनाने की जरूरत है।” उन्होंने कहा कि…
"हमने बातचीत की है, खासकर सभी दलों के एक साथ आने और आगामी लोकसभा चुनावों से पहले सभी तैयारियां करने के बारे में। आगे जो भी किया जाएगा, वो देश के हित में किया जाएगा। जो अभी शासन कर रहे हैं, उन्हें इससे कोई लेना-देना नहीं है। वो सिर्फ अपना प्रचार कर रहे हैं। देश के विकास के लिए कुछ नहीं किया जा रहा है।''
लोकसभा चुनाव को लेकर नीतीश और तेजस्वी के साथ ममता की मुलाकात को सियासी तौर पर अहम माना जा रहा है। मुमकिन है कि लोकसभा चुनाव में पीएम पद की उम्मीदवारी को लेकर दीदी के साथ नीतीश कुमार की डील डन हो जाए। हालांकि इसमें कई पेंच है। कांग्रेस और दूसरे दल तैयार होते हैं या नहीं ये देखना दिलचस्प होगा। वहीं यूपी में योगी सरकार से लोहा लेते अखिलेश यादव का रूख क्या होगा, इसके बारे में भी कुछ कहा नहीं जा सकता।
2024 के लोकसभा चुनाव को लेकर नीतीश कुमार दिल्ली में 12 अप्रैल को कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे और राहुल गांधी से मिले थे। तब सीएम ने कहा थी कि उनकी रणनीति क्षेत्रीय पार्टी को अधिक से अधिक एकसाथ लाने की है, ताकि मोदी सरकार के खिलाफ विपक्ष मजबूत हो सके।