Thursday, November 21, 2024
HomeदेशNasal Vaccine: मार्केट में आई दुनिया की पहली नेज़ल वैक्सीन, बूस्टर डोज़...

Nasal Vaccine: मार्केट में आई दुनिया की पहली नेज़ल वैक्सीन, बूस्टर डोज़ के तौर पर लगाना आसान, जानिए नाक से दी जाने वाली वैक्सीन की खूबियां

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया और केंद्रीय विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्री जितेंद्र सिंह ने गणतंत्र दिवस के अवसर पर भारत बायोटेक इंटरनेशनल लिमिटेड की भारत निर्मित COVID-19 नेज़ल वैक्सीन, iNCOVACC लॉन्च की। भारत बायोटेक का ये भी दावा है कि iNCOVACC प्राथमिक श्रृंखला और बूस्टर डोज़ के लिए दुनिया का पहला COVID इंट्रानेजल वैक्सीन भी है। इस नए नेजल वैक्सीन, BBV154 को नवंबर में ड्रग्स कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया (DCGI) की मंजूरी मिली थी, जो वयस्कों के बीच हेटेरोलॉगस बूस्टर खुराक के रूप में प्रतिबंधित आपातकालीन उपयोग के लिए थी।

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया ने नेज़ल वैक्सीन के लॉन्च इवेंट के दौरान कहा कि

‘दुनिया में आपूर्ति किए जाने वाले 65 प्रतिशत से अधिक टीके भारत से हैं। मैं दुनिया का पहला नेजल वैक्सीन लाने के लिए भारत बायोटेक टीम को भी बधाई देता हूं। दुनिया का पहला इंट्रा-नेजल कोविड-19 वैक्सीन होने के नाते, ये आत्मानिर्भर भारत के आह्वान के लिए एक शानदार उपलब्धि है।’

नेज़ल वैक्सीन का क्या है रेट ?

भारत बायोटेक द्वारा जारी एक बयान के अनुसार, iNCOVACC की कीमत बाज़ारों के लिए 800 रुपये और भारत सरकार और राज्य सरकारों को आपूर्ति के लिए 325 रुपये है। जिन रोगियों को पहले से ही Covaxin और Covishield मिल चुके हैं, उनके लिए नाक के इस टीके को एक बूस्टर खुराक के रूप में भी इस्तेमाल किया जा सकता है। दिलचस्प बात ये है कि iNCOVACC प्राइमरी और बूस्टर दोनों के लिए अनुमोदन प्राप्त करने वाला दुनिया का पहला इंट्रानेजल वैक्सीन भी है।

मौजूदा वैक्सीन से कैसे अलग है ‘नेज़ल वैक्सीन’ ?

  • मौजूदा वक्त में भारत में लग रही वैक्सीन के दो डोज दिए जा रहे हैं। दूसरे डोज के 14 दिन बाद वैक्सीनेटेड व्यक्ति सेफ माना जाता है। ऐसे में नेजल वैक्सीन 14 दिन में ही असर दिखाने लगती है।
  • इफेक्टिव नेजल डोज न सिर्फ कोरोना वायरस से बचाएगा, बल्कि बीमारी फैलने से भी रोकेगा। मरीज में हल्के लक्षण भी नजर नहीं आएंगे। वायरस भी शरीर के अन्य अंगों को नुकसान नहीं पहुंचा सकेगा।
  • ये सिंगल डोज वैक्सीन है। इसके साइड इफेक्ट्स भी नॉर्मल वैक्सीन के मुकाबले कम हैं। इसका एक और बड़ा फायदा ये है कि सुई और सीरिंज का कचरा भी कम होगा, जबकि लोगों को इसे लेने में दर्द और चुभन भी नहीं होगी।

ये भी पढ़ें – Covid Nasal Vaccine: कोरोना महामारी से मुक़ाबले में भारत ने हासिल की एक और सफलता – Indian Viewer

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Related Posts

Most Popular