बीजेपी (BJP) की केंद्र सरकार नक्सलियों पर प्रहार के एजेंडे को और धार दे रही है। हाल ही में छत्तीसगढ़ (Chattisgarh) के दंतेवाड़ा (Dantewada) में हुए नक्सली हमले के बाद से केंद्र सरकार और ज़्यादा आक्रामक नज़र आने लगी है। नक्सलियों पर नकेल कसने के लिए NIA को खुली छूट दे दी गई है। जबकि, नक्सलियों के सहयोगियों और समर्थकों के खिलाफ बड़े पैमाने पर कार्रवाई करते हुए राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) ने मंगलवार को झारखंड (Jharkhand) और बिहार (Bihar) में 14 जगहों पर छापेमारी की। रिपोर्ट्स के मुताबिक प्रतिबंधित उग्रवादी संगठन की विचारधारा के विस्तार, उसे पुनर्जीवित करने और प्रचार करने की साजिश को विफल करने के लिए छापेमारी की गई।
झारखंड में कहां-कहां NIA ने दी दबिश ?
झारखंड में आठ जगहों पर तलाशी में विस्थापन विरोधी जन विकास आंदोलन (VVJVA) के रांची (Ranchi) कार्यालय और बोकारो, धनबाद, रामगढ़ और गिरिडीह जिलों में नक्सलियों के सहयोगियों और समर्थकों के घर शामिल हैं। बिहार में खगड़िया, गया और औरंगाबाद जिलों में 6 जगहों पर तलाशी ली गई। एजेंसी ने कहा कि जिन सभी संदिग्धों के घरों की तलाशी ली गई, उनके पोलित ब्यूरो और नक्सलियों की केंद्रीय समिति के सदस्यों के साथ संबंध थे।
NIA को छापेमारी में कौन से अहम दस्तावेज़ मिले?
तलाशी के दौरान प्रतिबंधित संगठन की गतिविधियों से संबंधित आपत्तिजनक दस्तावेज, कई मोबाइल फोन, डीवीडी डिस्क, मजदूर संगठन समिति (MSS) और वीवीजेवीए से संबंधित दस्तावेज, साथ ही बैंक खाता विवरण जब्त किए गए। NIA ने पिछले साल 25 अप्रैल को गैरकानूनी गतिविधि (रोकथाम) अधिनियम, 1967 और भारतीय दंड संहिता की विभिन्न धाराओं के तहत नक्सलियों के पोलित ब्यूरो और केंद्रीय समिति के सदस्यों के खिलाफ इन दोनों में संगठन की विचारधारा को फैलाने की साजिश रचने का मामला दर्ज किया था।