बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (Nitish Kumar) और उनके डिप्टी तेजस्वी यादव (Tejashwi Yadav)ने बुधवार को आम चुनाव 2024 से पहले ‘एकजुट विपक्ष’ (‘united opposition’)पर चर्चा करने के लिए दिल्ली में कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे (Congress president Mallikarjun Kharge)और राहुल गांधी (Rahul Gandhi) से मुलाकात की। कांग्रेस नेताओं राहुल गांधी और खरगे की उपस्थिति में एक संवाददाता सम्मेलन आयोजित करते हुए, नीतीश कुमार ने कहा कि वो सभी विपक्षी दलों को एक साथ लाने के लिए कड़ी मेहनत करेंगे। उन्होंने कहा कि हमने कांग्रेस के साथ आखिरी दौर की बातचीत पूरी कर ली है। नीतीश कुमार तीन दिन तक दिल्ली में ही रहेंगे और इस दौरान दूसरे विपक्षी दलों के नेताओं से मिल सकते हैं।
राहुल गांधी ने नीतीश के सुर में सुर मिलाया!
एकजुट विपक्ष की हिमायत करते हुए राहुल गांधी (Rahul Gandhi)ने कहा कि, ‘विपक्ष को एकजुट करने के लिए ये एक ऐतिहासिक कदम है और हम विपक्षी दलों की दृष्टि विकसित करेंगे और आगे बढ़ेंगे, हम सब मिलकर देश के लिए खड़े होंगे।’ मल्लिकार्जुन खरगे (Mallikarjun Kharge) ने हाल ही में भाजपा का मुकाबला करने के लिए समान विचारधारा वाले दलों के बीच एकता बनाने के लिए कई विपक्षी नेताओं से बात की है। वो तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन (MK Stalin)और महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे (Uddhav Thackeray) के साथ-साथ आने वाले हफ्तों में शीर्ष विपक्षी नेताओं के साथ बैठक कर सकते हैं।
नीतीश कुमार के मिशन-2024 का ब्लूप्रिंट
ये अनुमान लगाया जा रहा है कि 2024 के लोकसभा चुनावों में भगवा पार्टी को रोकने के लिए गठबंधन बनाने के लिए JDU सुप्रीमो गैर-भाजपा दलों के नेताओं से भी मिलेंगे। पार्टी के अंदरूनी सूत्रों के मुताबिक, नीतीश कुमार AAP संयोजक अरविंद केजरीवाल, सपा प्रमुख अखिलेश यादव और अन्य क्षेत्रीय दलों के प्रमुखों से मिलने का प्रयास कर सकते हैं। नीतीश कुमार ने पहले भी कई मौकों पर कांग्रेस सहित सभी विपक्षी दलों को 2024 में भाजपा को हराने के लिए हाथ मिलाने की सलाह दी थी।
बीजेपी ने साधा नीतीश कुमार पर निशाना
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के दिल्ली दौरे पर बिहार भाजपा प्रमुख सम्राट चौधरी ने कहा कि, ‘ नीतीश कुमार का प्रधानमंत्री बनने का सपना कभी पूरा नहीं होगा क्योंकि देश के लोग पीएम नरेंद्र मोदी और उनके नेतृत्व में विश्वास करते हैं। विपक्षी नेताओं में बिल्कुल भी एकता नहीं है।’ हालांकि, नीतीश ने कई बार कहा है कि उनकी प्रधानमंत्री बनने की कोई महत्वाकांक्षा नहीं है। बिहार के मुख्यमंत्री पिछले साल सितंबर में दिल्ली आए थे, तब उन्होंने शरद पवार, अरविंद केजरीवाल, डी राजा, सीताराम येचुरी और अखिलेश यादव जैसे नेताओं से मुलाकात की थी। फरवरी में CPI (ML) के 11वें आम सम्मेलन में नीतीश ने कहा था कि, एक “संयुक्त मोर्चा” भाजपा को 100 से कम सीटों तक कम करने में सक्षम होगा”।