प्रयागराज पुलिस ने माघ मेले में इस्लामिक साहित्य बेचने के आरोप में तीन लोगों को गिरफ्तार किया है। आरोपी माघ मेले में इस्लाम धर्म का प्रचार करने के साथ हिन्दू धर्मग्रंथों की गलत व्याख्या वाली किताबें बांट रहे थे। इनके पास से मिलीं किताबों में इस्लाम धर्म को श्रेष्ठ और हिन्दू धर्म को गलत धारणा से पेश किया गया। पकड़ा गया मौलाना महमूद हसन गाज़ी मुख्य सरगना है जो प्रयागराज के एक मदरसे में पढ़ाता है। पुलिस की शुरुआती पड़ताल में पता चला है कि इस काम के लिए दुबई से फंडिंग भी हो रही थी। पुलिस ने आरोपियों के पास से इस्लामिक साहित्य से जुड़ी 200 से ज्यादा किताबें और अन्य सामान बरामद किया है। पुलिस अब दुबई में बैठे उस शख्स का पता लगाने में जुटी है, जो इन लोगों को फंडिंग करता था।

बोला आरोपी मौलाना, ‘मना किया था माघ मेले में न जाना’
पुलिस की गिरफ्त में आए समीर उर्फ नरेश और मोहम्मद मोहनीश उर्फ आशीष ने कुछ दिनों पहले ही इस्लाम धर्म अपनाया था। महमूद हसन गाज़ी दुबई से मिले पैसों से इस्लामी साहित्य छपवा कर इनके ज़रिए हिन्दू धर्म स्थलों के पास बंटवाता था। इसके लिए दोनों अपने पुराने हिंदू नाम वाले आधार कार्ड का इस्तेमाल करते थे। प्रयागराज पुलिस के मुताबिक, ये सारा काम धर्मांतरण के लिए ही किया जा रहा था। हालांकि गिरफ्तार मौलाना ने धर्मांतरण कराने के आरोपों से इनकार किया है। यही नहीं पुलिस की गिरफ्त में आ चुके महमूद हसन गाज़ी को अपने किए पर कोई पछतावा भी नहीं है। फिलहाल पुलिस ने सरगना मौलाना महमूद हसन गाजी, मोहम्मद मोहनीश और समीर उर्फ नरेश को गिरफ्तार कर सलाखों के पीछे भेज दिया है।
