जब राहुल गांधी को 2004 में अमेठी से पहली बार संसद सदस्य (एमपी) बनने के बाद 12, तुगलक लेन बंगला आवंटित किया गया था, तो पार्टी में चर्चा थी कि वो अपनी मां सोनिया गांधी के घर यानि 10, जनपथ से अलग एक पावर सेंटर के तौर पर उभरेंगे। पिछले कुछ वर्षों में 12 तुगलक लेन, 10 जनपथ के दूसरे शक्ति केंद्र के रूप में उभरा। पार्टी के नेता जो तरस रहे थे और समाधान की तलाश कर रहे थे, वो इस बंगले पर पहुंचने लगे। कई बार मुद्दों को हल करने के लिए 10 जनपथ पर बैठकें आयोजित करने के बजाय यहां बैठकें आयोजित की गईं। जैसे जब भूपेश बघेल-टीएस सिंहदेव के बीच रस्साकशी अपने चरम पर पहुंच गई थी या जब अशोक गहलोत-सचिन पायलट की प्रतिद्वंद्विता कम होने के कोई संकेत नहीं दिख रहे थे।
ये टाइप 8 बंगला UPA के दौर में राहुल गांधी को दिया गया था। एक शांत एकांत तुगलक लेन में एक कोने की इमारत। इस घर को इसकी विशाल जगह और विशिष्टता के लिए चुना गया था। वास्तव में पूरा घर उनकी बहन प्रियंका वाड्रा द्वारा तैयार करवाया गया था। इसमें एक जिम और कुछ कार्यालय हैं जो राहुल गांधी के कार्य स्थान के रूप में दोगुने हो जाते हैं। केवल बहुत करीबी लोगों और परिवार को उनके घर में प्रवेश करने की अनुमति दी जाती है। जबकि अधिकांश सिर्फ उनके कार्यालय में मिलते हैं। पत्रकारों की पहुंच बहुत कम होती है, लेकिन जब वो उनसे मिलते हैं इस बंगले के विशाल लॉन में।
कितना भव्य था कांग्रेस के ‘राजकुमार’ का बंगला?
कई लोगों ने उनके मिलने वाले नेताओं की तस्वीरों पर ध्यान दिया होगा, क्योंकि उनके घर के बाहर की जगह फोटो खिंचवाने की जगह है। हाल ही में भारत जोड़ो यात्रा के बाद कमल हासन के साथ उनकी मुलाकात यहीं इसी बंगले में हुई। राहुल गांधी इस घर में गृह प्रवेश के बाद शिफ्ट हुए थे, जिसमें उनके परिवारवाले जैसे सोनिया गांधी, प्रियंका वाड्रा और रॉबर्ट वाड्रा शामिल हुए थे। गृह प्रवेश के दौरान उनके करीबी सहयोगी भी मौजूद थे। लेकिन, अब लोकसभा आवास समिति द्वारा एक महीने के भीतर अपना आधिकारिक आवास खाली करने के लिए भेजे गए नोटिस के अनुसार, राहुल गांधी को 19 साल बाद ये सरकारी बंगला खाली करना होगा।
राहुल गांधी ने पहले से शुरु कर दी थी नए घर की तलाश
सूत्रों का कहना है कि राहुल गांधी ने अयोग्य ठहराए जाने के दिन से ही घर की तलाश शुरू कर दी थी और वो अतिरिक्त समय नहीं मांगने जा रहे हैं। उनकी बहन प्रियंका को भी लोधी एस्टेट स्थित बंगला खाली करने के लिए कहा गया था क्योंकि वो अब SPG सुरक्षा प्राप्त नहीं थी। प्रियंका अब सुजान सिंह पार्क में रहती हैं। हाल ही में एक बातचीत के दौरान राहुल गांधी ने कहा था कि, ‘उनके पास कोई घर नहीं था, चूंकि उनके परिवार को त्रासदियों और राजनीतिक झटके का सामना करना पड़ा था, इसलिए उन्हें घरों को स्थानांतरित करना पड़ा और कभी भी कुछ भी स्थायी नहीं था। सर्कल अब पूरा हो गया है।’
एक नए घर का मतलब राहुल गांघी के लिए एक नया राजनीतिक आश्रय और यात्रा भी होगा, और साथ ही पार्टी के भीतर उन लोगों के लिए एक और नया पता जो अभी भी खुद को अपने नेता के करीब मानते हैं। इस बीच कांग्रेस अब इसे भारतीय जनता पार्टी (BJP) के खिलाफ एक और मुद्दा बनाएगी, क्योंकि बड़ी ही तत्परता के साथ राहुल को बंगला खाली करने के लिए कहा गया है।