राजस्थान: भरतपुर (Bharatpur) के सेवर इलाके में उस समय हड़कंप मच गया जब हिन्दूवादी संगठन के लोग और स्थानीय पुलिस थाने के बाहर धरने पर बैठ गए। ये लोग विरोध प्रदर्शन करते हुए थाने के बाहर ही हनुमान चालीसा का पाठ करने लगे। लोगों ने मांग की कि पुलिस थाने में जो भगवान हनुमान की मूर्ति ज़ब्त कर रखी हुई उसे उनके हवाले किया जाए। दरअसल, शनिवार की रात 10 बजे पदम विहार कॉलोनी से सेवर पुलिस ने हनुमान जी की मूर्ति को क्रेन से उठवाया और थाने लेकर आ गई थी। उस रात प्रतिमा को रेत के ढेर पर डाल दिया गया था। ऐसे में हिंदू आक्रोशित हो गए। स्थानीयों की मानें तो पुलिस जिस जगह से हनुमान जी की मूर्ति उठाकर लाई, वो ज़मीन कीर्ति पाल सिंह की है। लिहाज़ा, दूसरे दिन सुबह 9 बजे कॉलोनी के लोग कीर्ति पाल सिंह के पास पहुंचे। लोगों ने ज़मीन के मालिकाना हक को लेकर कीर्तिपाल से जानकारी इकट्ठा की और मांग की कि मूर्ति उसी जगह फिर से स्थापित कर दी जाए।
पुलिस को कॉल कर मूर्ति हटवाने वाला कौन ?
पुलिस का कहना है कि शनिवार रात को सेवर जैन मंदिर के पास पदम बिहार कॉलोनी में हनुमान मूर्ति की स्थापना की गई थी। लेकिन किसी ने देर रात ही कंट्रोल रूम को फोन कर सूचना दी कि मज़ार को हटाकर वहां पर हनुमान भगवान की मूर्ति की स्थापना कर दी गई है। जानकारी के मुताबिक मुस्लिम समाज का दावा है कि जिस जगह पर हनुमान जी की मूर्ति स्थापित की गई थी उसपर उनका अधिकार है। लिहाज़ा, थाना पुलिस मौके पर पहुंची और भगवान हनुमान की मूर्ति उठा लाई। हालांकि, मामला शांत नहीं हुआ है और लोग अब भी विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं।
‘राजस्थान में कांग्रेस कर रही तुष्टिकरण की राजनीति’
बीजेपी और विश्व हिंदू परिषद के नेता गिरधारी तिवारी ने कहा कि, ”राज्य की कांग्रेस सरकार तुष्टिकरण कर रही है।” उन्होंने कहा कि ज़मीन के मालिक कीर्ति पाल सिंह की इजाज़त लेने के बाद ही हनुमान जी की मूर्ति वहां स्थापित की गई थी। गिरधारी तिवारी ने पुलिस को तीन विकल्प दिए, पहला ये कि मूर्ति जहां से उठाई है वहीं उसे स्थापित कर दे। दूसरी ये कि, अगर ज़मीन सरकारी है तो दूसरे धर्म का अधिकार ख़त्म करे। और तीसरा ये कि मूर्ति उन्हें वापस कर दे, जिसे वो कहीं और स्थापित करेंगे।