रामनवमी पर जुलूस से किसको दिक्कत है। रामनवमी के जुलूस पर हर साल पत्थारबाजी क्यों होती है। क्या हिंदुओं को अपने आराध्य की शोभायात्रा निकालने का भी हक नहीं है। ऐसे तमाम सवाल हैं जो साधु संतों से लेकर हिंदू समाज पूछ रहा है। दरअसल, रामनवमी के मौके पर एक बार फिर देश के कई हिस्सों से हिंसा की तस्वीरें सामने आईं। गुजरात से लेकर महाराष्ट्र तक में रामनवमी के जुलूस को टारगेट किया गया।
गुजरात में मस्जिद से पत्थरबाज़ी का आरोप
गुजरात के वडोदरा में गुरुवार को रामनवमी के अवसर पर विश्व हिंदू परिषद और बजरंग ने शोभायात्रा निकाली थी। लेकिन इस दौरान कुछ लोगों ने शोभायात्रा पर पथराव कर दिया। दंगाइयों ने सड़क पर खड़ी गाडियों में तोड़फोड़ की। अराजकता की स्थिति पैदा हो गई जिसके बाद इलाके की दुकानों को बंद कर दिया गया। हालांकि पुलिस ने मुस्तैदी दिखाई और वक्त रहते हालात पक काबू पा लिया। हिंदू समुदाय का आरोप है कि जिस वक्त जुलूस निकाली जा रही थी उस वक्त मस्जिद से मुस्लिम समुदाय के लोगों ने पत्थरबाज़ी की। हालांकि, इस बाबत पुलिस की ओर से कोई बयान सामने नहीं आया।
महाराष्ट्र में रामनवमी जुलूस पर ‘महाभारत’
महाराष्ट्र के छत्रपति संभाजीनगर (पुराना नाम औरंगाबाद) में बुधवार की रात राम मंदिर के बाहर कुछ लोगों ने आगजनी की वारदात को अंजाम दिया। हिंसक भीड़ ने पुलिस की गाड़ियों में आग लगा दी। दो तरफ से हुई पत्थरबाज़ी में 2 पुलिवालों समेत करीब 6 लोग घायल हो गए।
जानकारी के मुताबिक किराडपुरा में स्थित राम मंदिर के बाहर कुछ युवक नारेबाजी कर रहे थे जिसको लेकर बहस हो गई थी। जिसके बाद दूसरे समुदाय के लोग वहां पहुंचे और पत्थरबाजी शुरू कर दी। खबरों की मानें तो यहां 5 से 6 हजार लोग इकट्ठा हो गए थे। पुलिस ने भीड़ को हटाने के लिए हवाई फायरिंग की और हल्का बल प्रयोग किया, जिसके बाद मामला शांत हुआ।
((NOTE – कृपया अफवाह ना फैलाएं और भ्रामक खबरों से दूर रहें।))