Tuesday, December 3, 2024
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Sanatana Dharma row: लोकसभा चुनाव 2024 का रिज़ल्ट फिक्स? बीजेपी के सामने कांग्रेस ने डाले हथियार? जानिए कैसे सिर्फ एक मुद्दे से I.N.D.I.A की निकल जाएगी हवा?

सर्वधर्म समभाव की बात करने वाली कांग्रेस और बीजेपी के खिलाफ ताल ठोक रही I.N.D.I.A अलायंस सनातन धर्म पर की जा रही टिप्पणियों की वजह से कटघरे में खड़ी नज़र आ रही है। कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष और केरल से सांसद राहुल गांधी (Rahul Gandhi) विदेश दौरे पर भारत सरकार की बुराई करने में व्यस्त हैं और इधर I.N.D.I.A अलायंस पर सवालों की बौछार हो रही है। सिर्फ बीजेपी ही नहीं बल्कि आम जनता भी पूछ रही है कि, आखिर सनातन धर्म (Sanatana Dharma) पर आक्रमण क्यों किया जा रहा है, आखिर सनातन के बारे में अमर्यादित टिप्पणियां क्यों की जा रही हैं, मुस्लिम वोटों की खातिर I.N.D.I.A अलायंस किस स्तर की राजनीति कर रही है, कांग्रेस का सर्वधर्म समभाव कहां चला गया, कांग्रेस सनातन के खिलाफ टिप्पणियों को खारिज क्यों नहीं कर रही। लोकसभा चुनाव 2024 को देखते हुए I.N.D.I.A अलायंस को बिखरने से बचाना और मुस्लिम मतदाताओं को लुभाना तो समझ आता है, लेकिन उसके लिए भारत के बहुसंख्यक हिंदुओं (Majority Hindus) की आस्था का अपमान करना किसी को हजम नहीं हो रहा।
उदयनिधि स्टालिन, तमिलनाडु के सीएम एम के स्टालिन के बेटे

उदयनिधि स्टालिन के खिलाफ कई राज्यों में मुकदमा दर्ज

सनातन के खिलाफ सबसे पहले टिप्पणी तमिलनाडु के सीएम एम के स्टालिन (MK Stalin) के बेटे उदयनिधि स्टालिन (Udayanidhi Stalin) की ओर से आया था। उदयनिधि ने सनातन धर्म की तुलना कोरोना वायरस, मलेरिया और डेंगू से (Comparison of Sanatan Dharma with Corona virus, Malaria and Dengue) करते हुए कहा था कि ऐसी चीजों का विरोध नहीं करना चाहिए, बल्कि इनका उन्मूलन कर देना चाहिए। हालांकि, इस विवादित बयान के बाद उनके खिलाफ यूपी, बिहार, महाराष्ट्र समेत कई राज्यों में मुकदमा दर्ज किया गया। लेकिन, उदयानिधि स्टालिन अपने बयान पर कायम रहे। 

कांग्रेस नेता ने भी सनातन धर्म के खिलाफ उगला जहर

इसी बीच कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे (Mallikarjun Kharge) के बेटे और कर्नाटक सरकार में मंत्री प्रियांक खरगे (Minister Priyank Kharge) ने कहा कि, कोई भी धर्म जो समान अधिकार नहीं देता है या आपके साथ इंसानों जैसा व्यवहार नहीं करता है वो बीमारी के समान है। मामला यहीं थम जाता तो ठीक भी था, लेकिन ऐसा हुआ नहीं। DMK नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री ए. राजा (A Raja) ने और भी जहरीला बयान दे दिया। उन्होंने हिंदू धर्म को कुष्ठ और HIV बता दिया (Hinduism is called leprosy and HIV) । ए. राजा ने बाद में अपनी सफाई में कहा कि, उन्होंने तो सिर्फ डॉ. भीमराव आंबेडकर और पेरियार जैसे विचारकों की बातें ही दुहराईं। सवाल है कि क्या डॉ. आंबेडकर ने सनातन की तुलना बीमारियों से की थी या फिर उसके समूल नाश का आह्वान किया था? खैर, अब बीजेपी इस मुद्दे पर और ज़्यादा आक्रामक हो गई है क्योंकि इस सबके बाद तमिलनाडु के शिक्षा मंत्री और DMK नेता के पोनमुडी ने कह दिया कि, I.N.D.I.A अलायंस का गठन ही सनातन धर्म के विरोध और उसे खत्म करने के लिए हुआ है। 
राहुल गांधी और उनकी पार्टी सर्वधर्म समभाव की बात करती है, नफरत के बाज़ार में मोहब्बत की दुकान खोलने की बात करते हैं, लेकिन उन्हीं की अगुवाई वाली I.N.D.I.A अलायंस हिंदू धर्म को लेकर अमर्यादित टिप्पणी करते हैं तो वो चुप रह जाते हैं। बिहार के सीएम नीतीश कुमार और उनके डिप्टी तेजस्वी यादव बीजेपी पर नफरत फैलाने और लोगों को बांटने के आरोप लगाते हैं, लेकिन खुद I.N.D.I.A गठबंधन के नेताओं द्वारा दिए गए बयानों पर चुप्पी साधकर मौन सहमति दे देते हैं। NCP और शिवसेना भी बीजेपी पर समाज को विभाजित करने के आरोप लगाती है, लेकिन सनातन धर्म पर हमला करने वालों के खिलाफ इनकी जुबान तक नहीं खुलती। ना तो हिंदुत्व की हुंकार भरने वाले उद्धव ठाकरे कुछ बोलते हैं और ना ही शरद पवार। वहीं आम आदमी पार्टी की मानें तो छोटे नेताओं के बयानों को  I.N.D.I.A गठबंधन का स्टैंड नहीं मानना चाहिए। मतलब केजरीवाल की पार्टी भी मध्यमार्ग निकालती नज़र आ रही है। तो सवाल उठते हैं कि, ये कैसी मजबूरी है, ये कैसी लाचारी है कि विपक्षी दल सनातन के खिलाफ विवादित और अमर्यादित बयानों का विरोध नहीं कर पा रही। सवाल ये भी कि विपक्षी दल किस मुंह से जनता के सामने जाएंगे, क्या कहेंगे कि वो सनातन के बारे में क्या सोचते हैं, हिंदुओं को लेकर उनकी क्या राय है। जबकि, बयानों के ज़रिए I.N.D.I.A गठबंधन वाले अपनी पोल पट्टी खुद ही खोल चुके हैं।
विपक्षी दलों ने BJP को बेहतरीन पिच दे दी है कि, जी आइए और खेलिए। लिहाज़ा, बीजेपी इस पिच पर जमकर चौके-छक्के मार रही है। हर दिन बीजेपी का एक प्रवक्ता सामने आता है और कांग्रेस के साथ I.N.D.I.A अलायंस से सवाल पूछता है कि, बताओ कहां गया तुम्हारा सर्वधर्म समभाव, बताओ कि क्यों चुप हैं राहुल और सोनिया गांधी, बताओ कि सनातन के खिलाफ टिप्पणियों पर तुम्हारी ज़ुबान क्यों नहीं खुलती। बीजेपी सनातन विरोध बयानों को लोकसभा चुनाव 2024 का मुख्य मुद्दा बना चुकी है। वो इसी मुद्दे के इर्द-गिर्द चुनाव लड़ेगी। वो राहुल गांधी के जनेऊधारी होने को लेकर सवाल खड़े करेगी, वो कांग्रेस के तुष्टीकरण को मुद्दा बनाएगी। लेकिन, कांग्रेस पार्टी में विचारहीनता या फिर दूरदृष्टि का अभाव कहिए, सनातन पर अमर्यादित बयानों की आलोचना और उनका विरोध करने के बजाए वो खामोशी अख्तियार किए हुए हैं। बीजेपी इस मुद्दे पर हमलावर है और कांग्रेस समेत बाकी के विपक्षी दल बैकफुट पर।

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