दिल्ली के जंतर-मंतर पर पहलवानों का दंगल पिछले तीन दिनों से जारी है। बीजेपी की नेता और पूर्व रेसलर बबीता फोगाट की अपील के बाद प्रदर्शनकारी पहलवान सरकार से बातचीत के लिए राज़ी तो हो गए, लेकिन इस बातचीत का कोई नतीजा नहीं निकलता नहीं दिख रहा। विनेश फोगाट, बजरंग पुनिया, साक्षी मलिक, रवि दहिया और दीपक पुनिया ने IOA को चिट्ठी लिखी। इन पहलवानों ने इंडियन ओलंपिक एसोसिएशन की अध्यक्ष पीटी उषा से बृजभूषण शरण सिंह की शिकायत की। पहलवानों ने लिखा कि, विनेश फोगाट को मानसिक तौर पर परेशान किया गया। बृजभूषण के इस्तीफे की मांग और मामले की जांच की लिए कमिटी बनाए जाने की मांग भी की।

पहलवानों के समर्थन के लिए दादरी की फोगाट खाप को धनखड़ खाप का भी समर्थन मिला और इनसे जुड़े पंचायत के लोग जंतर मंतर के लिए आसमान पर सूरज के चढ़ने के साथ ही निकल पड़े। जंतर मंतर पहुंचने के बाद खाप पंचायत ने बेटियों को इंसाफ दिलाने के लिए दिल्ली को घेरने की चेतावनी दे डाली। यही नहीं कांग्रेस नेता और पूर्व रेसलर विजेंदर कुमार भी पहलवानों का समर्थन करने पहुंचे। वो पहलवानों के साथ मंच पर बैठे। लेकिन, इसी बीच किसी ने उन्हें मंच से उतरकर नीचे बैठने को कहा, जिसके बाद विजेंदर नीचे जाकर बैठ गए। धरनास्थल पर समर्थन में जुटी भीड़ को देखकर बजरंग पूनिया ने एक बार फिर सियासी दलों और नेतागीरी करने वालों से मंच से दूर रहने की अपील की।


खेल मंत्री की तरफ से खिलाड़ियों को कई प्रस्ताव दिए गए हैं। इसमें कहा गया कि…
- अगर खिलाड़ियों को आपत्ति न हो तो जांच रिपोर्ट आने तक बृजभूषण शरण सिंह को कुश्ती संघ से अलग किया जा सकता है।
- जिन कोच पर आरोप लगे हैं, उन्हें भी कुश्ती संघ से अलग किया जा सकता है
- यौन शोषण के आरोपों की जांच के लिए तीन सदस्यों की समिति बनाई जा सकती है
- जिन सदस्यों को कमिटी में रखा जाएगा उन तीनों के नाम खिलाड़ी ही दे सकते हैं
- सूत्रों ने बताया कि यौन उत्पीड़न के आरोपों पर खिलाड़ी कुछ ठोस नहीं बता पाए
- इसके बावजूद सरकार गणतंत्र दिवस सिर पर होने की वजह से मामले को जल्द से जल्द खत्म करना चाहती है
- इसलिए सरकार ने खिलाड़ियों को ये बता दिया कि बृजभूषण सिंह संस्था के अध्यक्ष के रूप में चुन कर आए हैं
- इसलिए उनके पास बृजभूषण को बर्खास्त करने का अधिकार नहीं है
- सूत्रों ने विनेश फोगाट के रुख़ की एक वजह टोक्यो ओलिंपिक में हुआ टकराव बताया
- जहां विनेश फोगाट ने टीम ड्रेस के बजाय स्पांसर की ड्रेस पहनी थी
- जिसकी वजह से कुश्ती महासंघ और ओलिंपिक संघ की ओर से उसे डांटा गया था
- लेकिन कुश्ती महासंघ ने विनेश पर अनुशासनात्मक कार्रवाई नहीं की थी