Thursday, November 21, 2024
HomeदेशYasin Malik security lapse: आतंकी यासीन मलिक को सुप्रीम कोर्ट ले जाने...

Yasin Malik security lapse: आतंकी यासीन मलिक को सुप्रीम कोर्ट ले जाने वाले पुलिसवाले सस्पेंड, जज ने लगाई फटकार, सॉलिस्टर जनरल ने लिखी चिट्ठी, जानिए मलिक ने कैसे कश्मीर में बोया था आतंक का बीज

तिहाड़ जेल (Tihar Jail) प्रशासन ने शनिवार को यासीन मलिक (Yasin Malik) सुरक्षा चूक मामले में एक उपाधीक्षक और दो सहायक अधीक्षकों सहित चार अधिकारियों को निलंबित कर दिया। आतंकी फंडिंग मामले में दोषसिद्धि और आजीवन कारावास की सजा के बाद जेल में बंद यासीन मलिक को अदालत की अनुमति के बिना सशस्त्र सुरक्षा कर्मियों की सुरक्षा में एक जेल वैन में उच्च सुरक्षा वाले सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) में लाया गया था। वो अदालत कक्ष में भी चला गया, जिससे उपस्थित सभी लोग आश्चर्यचकित रह गए। दरअसल, 21 जुलाई को आतंकी यासीन मलिक बिना बुलाए सुप्रीम कोर्ट में पेश हुआ था। कोर्ट में उसे देखकर जज भी नाराज हो गए थे। मामले को गंभीरता से लेते हुए उप महानिरीक्षक (जेल-मुख्यालय) राजीव सिंह ने कहा है कि, चूक का पता लगाने और दोषी अधिकारियों की जिम्मेदारी तय करने के लिए जांच की जाएगी।
यासीन मलिक के सुप्रीम कोर्ट पहुंचने पर आश्चर्य व्यक्त करते हुए सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता (Tushar Mehta) ने न्यायमूर्ति सूर्यकांत और न्यायमूर्ति दीपांकर दत्ता की पीठ को बताया कि, उच्च जोखिम वाले दोषियों को अपने मामले पर व्यक्तिगत रूप से बहस करने के लिए अदालत कक्ष में अनुमति देने की एक प्रक्रिया है। लेकिन,उन्होंने होम सेक्रेटरी अजय भल्ला को चिट्‌ठी लिखकर सवाल उठाया था कि, सुप्रीम कोर्ट के बुलाए बिना यासीन को कोर्ट क्यों ले जाया गया। वहीं सीबीआई (CBI) ने अदालत को बताया था कि जम्मू-कश्मीर लिबरेशन फ्रंट (JKLF) का अलगाववादी नेता और आतंकी यासीन मलिक राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरा है और उसे तिहाड़ जेल से बाहर ले जाने की अनुमति नहीं दी जा सकती।
टेरर फंडिंग केस में दोषी ठहराए जाने के बाद से ही आतंकी यासीन मलिक तिहाड़ जेल में उम्रकैद की सजा काट रहा है। 2022 में NIA कोर्ट ने टेरर फंडिंग केस, UAPA और देश के खिलाफ युद्ध छेड़ने के आरोप में उम्र कैद की सजा सुनाई थी। उसे कई धाराओं में सजा मिली है। दो मामलों में उम्र कैद और दूसरे मामलों में 10 साल की सजा सुनाई गई है। गौरतलब है कि, सभी सजाएं साथ-साथ चलेंगी। ​​​​​यासीन मलिक पर पाकिस्तान के इशारे पर कश्मीर में आतंकी हमलों के लिए फंडिंग और आतंकियों को हथियार मुहैया कराने से जुड़े कई केस दर्ज थे। यही नहीं कश्मीरी पंडियों की नृशंस हत्या में भी यासीन का हाथ बताया जाता है। 
  • यासीन मलिक आतंकवादी हिज्ब-उल-मुजाहिदीन सरगना सैयद सलाहुद्दीन का पुराना बूथ एजेंट था।
  • 1988 में POK जाकर ट्रेनिंग ली और कश्मीर लौटकर JKLF का एरिया कमांडर बन गया।
  • यासीन मलिक के इशारे पर ही 1987 से लेकर 1994 तक जम्मू-कश्मीर में आतंकवाद को बढ़ावा मिला।
  • यासीन मलिक चार इंडियन एयरफोर्स के जवानों की हत्या में शामिल रहा है
  • 8 दिसंबर 1989 को देश के तत्कालीन गृहमंत्री मुफ्ती मोहम्मद की बेटी के अपहरण मामले में TADA कोर्ट ने यासीन मलिक को आरोपी बनाया था।
  • यासीन मलिक वामपंथी सोच वालों की नज़र में कश्मीर का मसीहा था। अरुंधति रॉय जैसे उन लोगों से यासीन की मित्रता थी जो मानते हैं कि कश्मीर भारत का हिस्सा नहीं हो सकता।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Related Posts

Most Popular