- प्रदूषण से बचने के लिए सर्दियों में गुड़ का सेवन फायदेमंद
- अस्थमा, ब्रॉन्काइटिस में भी मिलता है गुड़ से फायदा
- छोटे बच्चों, बुज़ुर्गों और कमज़ोर इम्यूनिटी वालों के लिए उपयोगी
दिल्ली-एनसीआर समेत देश के कई हिस्सों में ठंड बढ़ने के साथ प्रदूषण का स्तर भी बढ़ता जा रहा है। इससे लोगों का सांस लेने में दिक्क्त, अस्थमा समेत कई तरह की परेशानियां हो रही हैं। जानकारों का मानना है कि प्रदूषण कम नहीं हुआ तो इंसान के लिए और ज़्यादा हानिकारक भी साबित हो सकता है। लेकिन, अगर आपको प्रदूषण के प्रहार से बचना है तो गुड़ खाएं। ये कोई औषधि तो नहीं, लेकिन, औषधि की तरह काम ज़रूर कर सकती है।
1. इम्यूनिटी सिस्टम यानि प्रतिरक्षा प्रणाली बढ़ाने के लिए
जानकारों का मानना है कि गुड़ के सेवन से Immune system मज़बूत हो सकता है। हालांकि, ऐसा सभी प्रकार के गुड़ का सेवन करने से नहीं होता, बल्कि कुछ विशेष प्रकार के गुड़ के सेवन से होता है। दरअसल, एक खास किस्म के गुड़ को बनाते समय आंवला पाउडर का इस्तेमाल किया जाता है, जिसमें विटामिन-सी (Vitamin C) होता है, जो रोग प्रतिरक्षा क्षमता को मज़बूत कर सकता है।
2. एंटीऑक्सीडेंट्स (antioxidants) का अच्छा स्रोत है
गांव-देहात में आज भी बड़े बुज़ुर्ग गुड़ खाते हैं, इसलिए क्योंकि ये सिर्फ मीठे का स्रोत नहीं है, बल्कि एंटीऑक्सीडेंट्स का भी एक अच्छा ज़रिया है। मेडिकल अनुसंधान की मानें तो गुड़ में एंटीऑक्सीडेंट्स होते हैं जो शरीर में फ्री रेडिकल्स के असर को कम करके इनसे होने वाले नुकसान से बचा सकते हैं। गन्ने के जूस में मौजूद फेनोलिक घटक की वजह से गुड़ में एंटीऑक्सीडेंट्स प्रभाव दिखाए देते हैं।
3. हृदय की देखभाल और उच्च रक्तचाप में मददगार
एक वैज्ञानिक शोध के अनुसार गुड़ हृदय के लिए लाभदायक हो सकता है। इसमें मैग्नीशियम, पोटैशियम, सेलेनियम, मैंगनीज़ और ज़िंक जैसे पोषक तत्व होते हैं। ये सभी हृदय की कार्य प्रणाली को सही रखने में मददगार हो सकते हैं। इसके अलावा गुड़ में आयरन भी होता है जो ब्लड प्रेशर को नियंत्रित करने के साथ उसे संतुलित रख सकता है।
गुड़ में पाए जाने वाले पौष्टिक तत्व
पोषक तत्व प्रति 100 ग्राम
आयरन 10 मिलिग्राम
कार्बोहाइड्रेट 88 ग्राम
कैल्शियम 83 मिलिग्राम
सोडियम 8 मिलिग्राम
गुड़ के सेवन का तरीका
- बिना किसी चीज़ के साथ मिलाए बगैर भी गुड़ खाया जा सकता है
- चाय में चीनी की जगह गुड़ का प्रयोग किया जा सकता है
- गुड़ का लड्डू और हलवा बनाने में भी उपयोग किया जा सकता है
- सुबह और शाम गुड़ की चाय पी जा सकती है जो चीनी से कहीं बेहतर है
- दोपहर और रात को खाना खाने के बाद भी गुड़ खाया जा सकता है
गुड़ से होने वाले नुक़सान (side effects of jaggery)
अब तक आपने गुड़ के फायदों के बारे में जाना। लेकिन, इसका अत्यधिक सेवन आपको नुक़सान भी पहुंचा सकता है। उदाहरण के तौर पर अगर कोई शख्स ज़्यादा गुड़ खाता है तो उसे मधुमेह रोग हो सकता है। गुड़ ज़्यादा खाने से दांतों में कीड़े भी लग सकते हैं। जबकि, इसे अधिक मात्रा में खाने से आप मोटापे का शिकार भी हो सकते हैं। वैसे, एक बड़ी पुरानी कहावत भी है ‘किसी भी चीज़ की अति सदैव हानिकारिक होती है’।