कोविड-19 से होने वाली 44 मौतों के ऊतकों (Tissues) के नमूनों पर किए गए अध्ययन के मुताबिक SAR-CoV-2 वायरस मस्तिष्क सहित पूरे शरीर में फैल गया और लगभग आठ महीने तक बना रहा। हालांकि, जिन शवों के ऊतकों का अध्ययन किया गया उनमें से किसे का भी टीकाकरण नहीं किया गया था, और उन सभी की कोविड-19 से मृत्यु हो गई। 38 रोगियों के ब्लड प्लाज्मा में SAR-CoV-2 पाया गया, तीन रोगियों के ब्लड प्लाज्मा (Blood Plasma) में कोविड वायरस नहीं मिला, और तीन रोगियों का ब्लड प्लाज्मा ही नहीं मिल पाया।
अमेरिका में नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ हेल्थ (NIH) ने अप्रैल 2020 और मार्च 2021 के बीच किए गए ऑटोप्सी से लिए गए नमूनों का मूल्यांकन किया। रोगियों में से 11 में, उन्होंने मस्तिष्क सहित न्यूरोलॉजिकल सिस्टम का पूरी तरह से नमूना लिया। ये अध्ययन ‘Nature’ में प्रकाशित हुआ है, जिसके मुताबिक जिन लोगों के ब्रेन में कोविड का वायरस पाया गया उनकी औसत आयु 62.5 वर्ष थी, जिबक 30 प्रतिशत रोगी महिलाएं थीं। लक्षणों की शुरुआत और मृत्यु दर के बीच दिनों की औसत संख्या 18.5 थी। Nature में प्रकाशित रिपोर्ट के मुताबिक सांस लेने से संबंधित ना होने वाले शरीर के हिस्सों में लक्षणों की शुरुआत के बाद पहले दो हफ्तों के दौरान वायरस जैसी चीज़ देखी गई थी।
मस्तिष्क के लिए कितना घातक है कोरोना ?
- कोविड का वायरस (SARS-CoV-2) बड़े पैमाने पर फेफड़ों और वायुमार्ग के tissues को संक्रमित और नुकसान पहुंचाता है।
- शोधकर्ताओं ने 84 अलग-अलग शरीर के तरल पदार्थों और हिस्सों में वायरल RNA की खोज की है
- एक उदाहरण में उन्होंने रोगी के लक्षण शुरू होने के 230 दिन बाद वायरल RNA की पहचान की
- शोधकर्ताओं ने एक मरीज के हाइपोथैलेमस (hypothalamus) और सेरिबैलम (cerebellum), रीढ़ की हड्डी और दो और रोगियों के बेसल गैन्ग्लिया (basal ganglia) जो कि मस्तिष्क का हिस्सा होता है वहां SARS-CoV-2 का RNA और प्रोटीन पाया
कुछ दिनों पहले कैनबरा में वैज्ञानिकों ने एक अध्ययन में पाया था कि कोविड-19 मस्तिष्क में उसी तरह की सूजन प्रतिक्रिया को सक्रिय करता है जैसे पार्किंसन रोग में होती है। यही नहीं कुछ शोध के मुताबिक सिर्फ सूंघने की क्षमता ही नहीं कोविड के बाद मस्तिष्क में कई तरह के बदलाव हो सकते हैं।