बांग्लादेश के खिलाफ मीरपुर टेस्ट के पहले भारतीय बॉलिंग अटैक ने बेहतरीन प्रदर्शन किया। उमेश यादव और रविचंद्रन अश्विन ने 4-4 विकेट लेकर बांग्लादेश की हालत खराब कर दी। बांग्लादेश की टीम 227 रनों पर ऑलआउट हो गई। लेकिन, इस टेस्ट मैच के लिए प्लेइंग-11 का ऐलान हुआ तो क्रिकेट फैंस हैरान रह गए। पहले टेस्ट (चटगांव टेस्ट) मैच में 8 विकेट और 40 रन बनाकर मैन ऑफ द मैच का खिताब हासिल करने वाले बाएं हाथ के स्पिनर कुलदीप यादव को प्लेइंग-11 से ड्रॉप कर दिया गया।
कुलदीप यादव को ना खिलाने का लॉजिक समझ नहीं आया
रोहित शर्मा के चोटिल होने के बाद केएल राहुल दो मैचों की टेस्ट सीरीज में टीम इंडिया की कप्तानी कर रहे हैं। टॉस के बाद उन्होंने कहा कि ये पिच तेज़ गेंदबाज़ों के लिए ज्यादा मददगार दिख रही है, इसलिए तीन फास्ट बॉलर्स को शामिल करने का फैसला किया गया। यही वजह है कि कुलदीप की जगह बाएं हाथ के मीडियम पेसर जयदेव उनादकट को टेस्ट खेलने का मौका मिल गया। जबकि, मीरपुर के मैदान का इतिहास बताता है कि यहां कि पिच स्पिनर्स के लिए हमेशा से मददगार रही है। इस मैदान पर अब तक 24 टेस्ट मैच में स्पिनर्स ने 411 विकेट लिए हैं। जबकि तेज गेंदबाजों ने 267 विकेट लिए हैं।
कुलदीप यादव के साथ नाइंसाफी का इतिहास
- कुलदीप के टेस्ट डेब्यू के बाद टीम 113 टेस्ट खेली, लेकिन इनमें कुलदीप को सिर्फ 9 में खेलने का मौका मिला।
- वनडे में कुलदीप के डेब्यू के बाद से भारत ने 108 वनडे खेले हैं। जबकि, कुलदीप को 73 मैचों में ही खेलने का मौका मिला।