भारत ने श्रीलंका को दूसरे वनडे मैच में हराकर वनडे सीरीज़ सील कर ली, फैंस गदगद हो गए। बड़े मौकों पर टीम की नैया डुबोने वाले केएल राहुल ने 64 रनों की नाबाद पारी क्या खेली, सोशल मीडिया पर ट्रेंड करने लगे। कहा जाने लगा कि इसी साल अक्टूबर से शुरु हो रहे क्रिकेट वर्ल्ड कप से पहले भारत के विजयरथ का पहिया घूमने लगा है। क्रिकेट के दिग्गज कहने लगे कि श्रीलंका के खिलाफ सीरीज सील करना एक अच्छी खबर है। लेकिन, कुछ खिलाड़ी ऐसे भी हैं जिन्हें अब तक BCCI की चयनसमिति ने अच्छी खबर नहीं सुनाई। अबतक इन खिलाड़ियों का वनवास ख़त्म नहीं हुआ। अंतरराष्ट्रीय और घरेलू क्रिकेट में अच्छा प्रदर्शन करने के बावजूद ये खिलाड़ी अब भी टीम में जगह बनाने के लिए संघर्ष कर रहे हैं। नौबत तो ये है कि इनमें से कुछ सोशल मीडिया पर गुहार लगा रहे हैं कि, कब मौका दोगे सरकार, अब खटकने लगा है ये लंबा इंतज़ार।

सहवाग का रिकॉर्ड तोड़ने वाला खा रहा है धक्के !
दुनियाभर में माना जाता है कि किसी भी फॉर्मेट में भारत की बेंच स्ट्रेंथ बहुत मज़बूत है। बहुत हद तक ये सही भी है। लेकिन, बेंच स्ट्रेंथ को मज़बूत बनाने के लिए जिन खिलाड़ियों को मौके मिलने चाहिएं, शायद उन्हें पर्याप्त मौके नहीं मिल पा रहें। इन्हीं में से एक हैं करुण नायर। नाम तो सुना ही होगा, और अगर फिर भी भूल हो गए हों तो आपको याद दिला देते हैं। ये वही करुण नायर हैं जिन्होंने 2016 में चेन्नई के मैदान पर इंग्लैंड के खिलाफ तिहरा शतक यानि ट्रिपल सेंचुरी मारी थी। वींरेंद्र सहवाग के बाद टेस्ट क्रिकेट में तिहरा शतक लगाने वाले वो दूसरे बल्लेबाज़ थे। नायर रातों-रात स्टार बन गए। लेकिन, किस्मत ने उनका साथ नहीं दिया, या यूं कहें कि चयनसमिति ने उनसे मुंह मोड़ लिया। मार्च 2017 में करुण नायरल ने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ खराब प्रदर्शन क्या किया उन्हें टीम से बाहर का रास्ता दिखा दिया गया। जबकि, उन्होंने 6 टेस्ट में 62.33 की औसत से 374 रन बनाए थे। दो वनडे में 46 रन बनाए थे। भारतीय क्रिकेट फैंस को शायद ही ये बात पता होगी कि नायर ये बताया ही नहीं गया कि उन्हें टीम से अचानक क्यों निकाल दिया गया। कुछ पारियों में नाकाम होने के बाद कई खिलाड़ियों को लगातार मौके मिले, लेकिन नायर को मौका नहीं मिला। इसके बाद करुण नायल कर्नाटक के लिए रणजी ट्रॉफी खेलने लगे। कोशिश करने लगे कि सिलेक्शन कमेटी का ध्यान खींच पाएं। लेकिन, पिछले साल उन्हें रणजी टीम से भी बाहर का रास्ता दिखा दिया गया। हताश, निराश नायर ने सोशल मीडिया पर लिखा, Dear cricket, give me one more chance.
‘चाइना मैन’ पर भारी पड़ी ‘प्रयोग’ वाली चालबाज़ी !
एक वक्त था कि जब कुलदीप और युजवेंद्र चहल की जोड़ी दुनिया की नंबर एक स्पिन जोड़ी हुआ करती थी। चहल तो टीम में आते-जाते रहे, लेकिन कुलदीप को तो वो मौका भी नहीं मिला। तीन बार पारी में पांच विकेट लेने के बाद भी ‘चाइनामैन’ कुलदीप यादव को प्लेइंग-11 में जगह बनाने के लिए काफी संघर्ष करना पड़ा। कुलदीप पिछले पांच साल में सिर्फ 8 टेस्ट खेले, जिसमें उन्होंने 31 विकेट लिए। लेकिन, कुलदीप की जगह अक्षर पटेल को तरजीह दी गई। चयनकर्ताओं ने सबको चौंकाते हुए टी-20 वर्ल्ड कप टीम में कुलदीप का सिलेक्शन नहीं किया। हालांकि, बांग्लादेश के खिलाफ हाल ही में खेली गई सीरीज में जडेजा के चोटिल होने की वजह से कुलदीप को मौका मिला। लिहाज़ा, कुलदीप ने अपनी आदत के अनुरूप गेंद को घुमाया और विरोधी टीम को चारों खाने चित कर दिया। इस टेस्ट मैच में कुलदीप यादव ने 8 विकेट लेने के साथ मैन ऑफ मैच का खिताब भी हासिल किया। लेकिन, इसे बदमाशी ही कहेंगे कि अगले ही टेस्ट मैच में कुलदीप यादव को प्लेइंग इलेवन से ड्रॉप कर दिया गया। टीम मैनेजमेंट के इस फैसले के खिलाफ सब बोले, लिटिल मास्टर सुनील गावस्कर तो आगबबूला हो गए। लेकिन, किसी के कानों पर जू तक नहीं रेंगी। श्रीलंका के खिलाफ टी-20 सीरीज में भी उन्हें बाहर रखा गया। वनडे सीरीज़ में खेलने का मौका दूसरे मैच में मिला, तो कुलदीप यादव ने 3 विकेट लेकर टीम मैनेजमेंट और सिलेक्शन कमेटी को बता दिया कि उनमें कोई कमी नहीं, कमी है तो प्रयोग के नाम पर खिलाड़ियों के करियर के साथ खिलवाड़ करने वाली सोच में है। भले ही न्यूजीलैंड के खिलाफ जल्द शुरु होने जा रही वनडे और टी-20 सीरीज के लिए उन्हें टीम में जगह दे दी गई हो, भले ही ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ 9 फरवरी से शुरु हो रहे टेस्ट सीरीज़ के लिए उन्हें चुना गया हो, लेकिन पुरानी बातों को भी भुलाया नहीं जा सकता। एक बहुत बड़ा समय कुलदीप ने बिना अंतरराष्ट्रीय मुकाबले खेले काट दिया, और शायद वो इस दौरान खेले होते तो कई नतीजे भारत के पक्ष में आते।

टीम में आने के लिए ‘पृथ्वी’ को भी बेलने पड़े पापड़ !
अब इसे टीम इंडिया का दुर्भाग्य नहीं तो और क्या कहेंगे। 100, 200 और 300 जड़ने वाले बल्लेबाज़, हैट्रिक मारने वाले गेंदबाज़ ही टीम से बाहर हैं। पृथ्वी शॉ का नाम भी इन्हीं खिलाड़ियों में शामिल है। दो साल हो गए, लेकिन पृथ्वी शॉ को ना तो नीली जर्सी पहनने का मौका मिला, ना ही सफेद। पृथ्वी शॉ घरेलू क्रिकेट में लगातार रन बना रहे हैं। रणजी ट्रॉफी में तो उन्होंने कमाल ही कर दिया। असम के खिलाफ मुंबई की ओर से खेलते हुए पृथ्वी ने 379 रनों की पारी खेली। इस दौरान पृथ्वी ने 40 चौके और 4 गगनचुंबी छक्के भी जड़े। उनकी इस ताबड़तोड़ पारी को देखकर सुनील गावस्कर ने कहा कि उसे ऐसी ही पारी चाहिए थी। BCCI के सेक्रेटरी जय शाह ने भी ट्वीट कर पृथ्वी को बधाई दी, कहा कि उनमें बहुत टैलेंट है और बीसीसीआई को उनपर गर्व है। लेकिन, पृथ्वी शॉ और उनके फैंस पूछ रहे हैं कि इस टैलेंट की कद्र कब होगी। कब पृथ्वी शॉ को टीम इंडिया से खेलने का मौका मिलेगा। पहले बांग्लादेश दौरा, फिर श्रीलंका के खिलाफ घरेलू सीरीज़, अरे भाई किसी एक में तो जगह दे देते। शायद भारतीय क्रिकेट उनके रिकॉर्ड्स भूल चुकी है। तो चलिए हम याद दिला देते हैं। पृथ्वी शॉ वो बल्लेबाज़ हैं जिन्होंने पूर्व क्रिकेटर संजय मांजरेकर के मुंबई बल्लेबाज़ द्वारा उच्चतम प्रथम श्रेणी स्कोर के रिकॉर्ड को पीछे छोड़ दिया। ये वो बल्लेबाज़ हैं जिन्होंने रणजी ट्रॉफी में ट्रिपल सेंचुरी, 50 ओवर के टूर्नामेंट विजय हजारे ट्रॉफी में दोहरा शतक और सैयद मुश्ताक अली टी-20 में शतक लगाया है। ऐसा करने वाले वो पहले क्रिकेटर हैं। लेकिन, अबतक इस धाकड़ बल्लेबाज़ को मौके के तौर पर क्या मिला, सिर्फ 5 टेस्ट, 6 वनडे और 1 टी-20 मैच। जुलाई 2021 के बाद से पृथ्वी शॉ को अब टीम इंडिया की ओर से खेलने का मौका मिल सकता है। पृथ्वी को न्यूज़ीलैंड के खिलाफ होने वाली टी-20 सीरीज़ के लिए चुना गया है। लेकिन सिलेक्शन कमेटी ने अब भी उन्हें वनडे सीरीज से बाहर ही रखा है जो 18 जनवरी से शुरु हो रही है।

कुछ सवाल जिनके जवाब सिलेक्शन कमेटी को तलाशने होंगे
1 – क्या कप्तान का फेवरेट होना टीम में बने रहने की गारंटी साबित होता रहेगा ?
2 – क्या कुछ खिलाड़ियों को लगातार मौका मिलना और कुछ को ड्रॉप करना सही है ?
3 – क्या बेंच स्ट्रेंथ के नाम पर खिलाड़ियों का अंतरराष्ट्रीय करियर तबाह करना सही है ?
4 – सभी खिलाड़ियों के चयन के लिए एक जैसी प्रकिया और मापदंड क्यों नहीं हैं ?
5 – क्या बुरे दौर से गुज़र रहे खिलाड़ियों की मैदान पर वापसी नहीं करानी चाहिए ?
6 – अगर उम्र एक फैक्टर है तो फिर टीम में मौजूद दूसरे खिलाड़ियों के लिए क्यों नहीं ?

टी-20 वर्ल्ड कप 2022 के सेमीफाइनल में भारत को मिली हार के बाद बीसीसीआई (BCCI) ने राष्ट्रीय चयन समिति को बर्खास्त कर दिया था। लेकिन, अब बीसीसीआई ने नई चयन समिति बना दी है। पूर्व भारतीय तेज गेंदबाज चेतन शर्मा (Chetan Sharma) को एक बार फिर मुख्य चयनकर्ता बनाया गया है। इससे पहले भी वही चयन समिति के मुख्य चयनकर्ता थे। मतलब ये कि भारत के लिए 23 टेस्ट और 65 वनडे मैच खेलने वाले चेतन शर्मा को दूसरी बार तीनों फॉर्मेट में एक अच्छी टीम खड़ी करने का ज़िम्मा सौंपा गया है। उम्मीद है चेतन शर्मा उन खिलाड़ियों के दर्द को समझेंगे जो पिछले कई सालों से उपेक्षा का शिकार हो रहे हैं और मौके के इंतज़ार में है। कुलदीप यादव को तो अब मौके दिए जा रहे हैं। उम्मीद है करुण नायर और संजू सैमसन पर भी चयनकर्ताओं की टीम ध्यान देगी। बाकी संघर्षशील खिलाड़ियों के लिए यही कहना उचित होगा…
जितनी चुनौतीपूर्ण तेरी जंग होगी
जब मुकाम हासिल की तो उतनी ही तेरी तारीफ़ होगी

न्यूज़ीलैंड के खिलाफ टी-20 और वनडे सीरीज़ की टीम
