कुश्ती महासंघ के अध्यक्ष ब्रजभूषण शरण सिंह के खिलाफ गंभीर आरोप लगाने वाले पहलवानों का धरना पिछले दो दिनों से जारी है। महिला पहलवानों के आरोपों की गंभीरता को देखते हुए खेल मंत्रालय इस पूरे मामले पर सख्त है। लेकिन सरकार की तरफ से इस मामले में पहल करने के बावजूद पहलवान दिल्ली के जंतर मंतर पर डटे हुए हैं। पहले दिन की तरह दूसरे दिन भी धरने पर बैठी पहलवान साक्षी मलिक, विनेश फोगाट, बजरंग पूनिया समेत कई वरिष्ठ पहलवान सिस्टम के खिलाफ ताल ठोंक रहे हैं। पहलवानों ने इस मामले में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री से हस्तक्षेप करने की मांग की। बजरंग पूनिया और साक्षी मलिक ने कहा कि, ‘हमारी उम्मीद प्रधानमंत्री जी से और गृह मंत्री जी से है कि वो हमारी बात सुनेंगे’।
महिला पहलवानों ने लगाए यौन शोषण के आरोप
अखाड़े में अपनी ताकत दिखाने वाले पहलवान जब दिल्ली की सर्दी में विरोध जताने की जगह जंतर-मंतर पर बैठे तो उन्होंने इसकी कई गंभीर वजहें बताईं। पहलवानों ने कुश्ती फेडरेशन ऑफ इंडिया में गड़बड़ी, यहां तक कि यौन शोषण तक के आरोप लगा डाले। विनेश फोगाट ने कहा कि, ‘बहुत सारी लड़कियों के साथ कुछ कुछ हुआ है, बहुत कुछ हुआ है… तो हम खुलकर आ ही गए हैं।’ पहलवान अंशु मलिक ने एक विदेश दौरे पर फेडरेशन के अध्यक्ष पर होटेल में महिला खिलाड़ियों के कमरे के ठीक सामने के कमरे में रहने का आरोप लगाया, जो तय नियमों के खिलाफ है।
पहलवानों के दंगल से होगा सियासी दलों का मंगल ?
संगीन आरोपों की वजह से पदकवीरों के धरने, आंसू और धधकते गुस्से की तस्वीर देश तक पहुंची तो आम लोगों से लेकर सियासी गलियारों में भी खलबली मच गई। देश का मान सम्मान बढ़ाने वालों की ऐसी तस्वीर सियासत करने वालों को दिखी तो धरने की जगह पर अपना-अपना हिस्सा तलाशने का अभियान चल पड़ा। कांग्रेस की नेता प्रियंका गांधी ने भी ट्विटर के जरिये देश का मान बढ़ाने वाले खिलाड़ियों को अपना समर्थन दिया। प्रियंका ने लिखा कि इन खिलाड़ियों की बात सुनकर कार्रवाई होनी चाहिए। चूंकि महिला पहलवानों ने फेडरेशन के अध्यक्ष और बीजेपी नेता ब्रजभूषण पर गंभीर आरोप लगाए, इसलिए इस मामले में दिल्ली महिला आयोग की अध्यक्ष स्वाति मालीवाल ने संदेश जारी कर उनका समर्थन जताया।
सरकार की ओर से बबीता फोगाट पहलवानों से मिलीं
सरकार ने एक और पहलवान और बीजेपी नेता बबीता फोगाट को प्रदर्शन में शामिल पहलवानों से बातचीत करने और सरकार के रुख़ को बताने के लिए उनके बीच भेजा। बबीता फोगाट ने कहा कि…
”हमारी सरकार आपके साथ है और यहां तक कि हमारी सरकार ने अब तक आप लोगों ने देखा होगा कि उनको 72 घंटे का टाइम भी दे दिया है जवाब देने के लिए, ऐक्शन भी ले लिया है, और बहुत जल्दी आज हो सकता है इनका समाधान भी निकल जाए।”
बबीता की अपील का असर ये हुआ कि प्रधानमंत्री और गृह मंत्री से इंसाफ की उम्मीद जताने वाले पहलवानों का एक दल खेल मंत्री से बातचीत करने के लिए तैयार हो गया। बातचीत के लिए विनेश फोगाट, बजरंग पुनिया, संगीता फोगाट और सत्यव्रत मलिक खेल मंत्रालय पहुंचे। शास्त्री भवन के खेल मंत्रालय पहुंचे पहलवानों से क़रीब एक घंटे तक जो बातचीत हुई, उसके बाद ये पहलवान वापस धरने की जगह जंतर मंतर पहुंचे और उनके चेहरे पर किसी तरह का उत्साह नज़र नहीं आया। बताया गया कि पहलवानों ने बातचीत में कुश्ती संघ को पूरी तरह ख़त्म करने, और इसकी जगह नए संघ के गठन की मांग की। खिलाड़ियों ने कुश्ती संघ में भ्रष्टाचार के आरोप लगाए और उनके आरोपों की जांच की मांग की।
बृजभूषण शरण सिंह ने क्यों कहा, ‘फांसी पर लटक जाऊंगा’
चूंकि इस पूरे विवाद के केंद्र में कुश्ती महासंघ के अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह हैं, इसलिए अपने ऊपर लगे आरोपों का जवाब देने के लिए वो सामने आए। एक दिन पहले भी बृजभूषण इन आरोपों को गलत बता चुके हैं। यौन शोषण के आरोपों पर बृजभूषण सिंह ने कहा कि, अगर आरोपों को साबित किया जाता है तो वो फांसी पर लटक जाएंगे। बृजभूषण सिंह ने इन आरोपों की वजह बड़े पहलवानों का असुरक्षा भाव बताया, क्योंकि नए नियम के बाद दुनियाभर में मेडल जीतने वाले खिलाड़ियों को अगले मुकाबलों में चयन से पहले देश के उभरते पहलवानों से दो दो हाथ कर उन्हें मात देने की चुनौती है, ताकि देश की नुमाइंदगी का मौक़ा सबसे अच्छे खिलाड़ी को मिले।