विवादों में घिरी फिल्म आदिपुरुष (Adipurush) को लेकर इलाहाबाद हाईकोर्ट (Allahabad High Court) ने बेहद तल्ख टिप्पणी की है। फिल्म में आपत्तिजनक डायलॉग्स के मामले में हुई तीसरे दिन की सुनवाई में कोर्ट ने कहा कि...
''रामायण (Ramayan) के किरदारों की पूजा होती है, ऐसे में उन्हें मज़ाक के तौर पर कैसे दिखाया जा सकता है। इस फिल्म को सेंसर बोर्ड ने कैसे पास कर दिया। सेंसर बोर्ड द्वारा फिल्म को पास करना किसी ब्लंडर से कम नहीं हैं। फिल्म के निर्माताओं को तो सिर्फ पैसे कमाने हैं। अगर आप कुरान (Quran) पर एक छोटी सी डॉक्यूमेंट्री भी बना दें जिसमें गलत चीजें दिखाई गई हों तो आपको पता चलेगा कि क्या हो सकता है। आपको कुरान, बाइबिल को भी नहीं छूना चाहिए। किसी धर्म के बारे में गलत तरीके से ना दिखाएं।''
इलाहाबाद हाईकोर्ट की बेंच यहीं नहीं रूकी। कोर्ट ने बिना नाम लिए आमिर खान (Aamir Khan) की फिल्म PK का जिक्र किया। बेंच ने कहा कि, एक मूवी में देखा कि भगवान शंकर जी त्रिशूल लेकर भाग रहे हैं। फनी तरीके से, अब यही सब होगा? इलाहाबाद हाईकोर्ट की बेंच ने पूछा कि, सेंसर बोर्ड (Censor Board) जो सर्टिफिकेट जारी करता है, क्या उसे रद्द नहीं किया जा सकता।
इससे पहले इलाहाबाद हाईकोर्ट ने मंगलवार को सुनवाई के दौरान कहा था कि, हिंदुओं (Hindu) की सहनशीलता की परीक्षा क्यों ली जाती है? गनीमत है कि उन्होंने कानून नहीं तोड़ा। लेकिन, जो सज्जन हैं क्या उन्हें दबा देना सही है?