Sunday, September 8, 2024
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Anand Mohan Case: सुप्रीम कोर्ट से लगा आनंद मोहन को झटका, क्या बिहार के बाहुबली फिर जाएंगे जेल?

BIHAR: एक ताजा घटनाक्रम में सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने शुक्रवार को बिहार सरकार (Bihar Government) पूर्व सांसद आनंद मोहन (Anand Mohan) को दी गई छूट से संबंधित सभी मूल दस्तावेज जमा करने का निर्देश दिया। बिहार सरकार का प्रतिनिधित्व कर रहे अटॉर्नी मनीष कुमार (Manish Kumar) को जस्टिस सूर्यकांत और जेबी पारदीवाला (Justice Surya Kant and JB Pardiwala) की पीठ ने सूचित किया कि मामले को फिर से स्थगित नहीं किया जाएगा और अदालत के पास सभी संबंधित दस्तावेजों तक पहुंच होनी चाहिए। सुप्रीम कोर्ट ने 8 अगस्त को आनंद मोहन की रिहाई को चुनौती देने वाले मारे गए अधिकारी की पत्नी द्वारा दायर याचिका को सूचीबद्ध किया था। शुरुआत में अटॉर्नी मनीष कुमार ने याचिका पर जवाब दाखिल करने के लिए कुछ समय मांगा था। जबकि मारे गए अधिकारी की पत्नी उमा कृष्णय्या की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता सिद्धार्थ लूथरा ने कहा कि राज्य सरकार ने नीति को पूर्वव्यापी प्रभाव से बदल दिया है और उन्हें मामले में रिहा कर दिया है।

उमा कृष्णय्या के वकील ने कोर्ट से क्या अपील की ?

उमा कृष्णय्या (Uma Krishnaiah) की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता सिद्धार्थ लूथरा (Siddharth Luthra) ने पीठ से आग्रह किया कि वो राज्य को मोहन के आपराधिक इतिहास के पूरे रिकॉर्ड पेश करने का निर्देश दे और मामले को अगस्त के महीने में सूचीबद्ध करने की मांग की। पीठ ने दर्ज किया कि राज्य सरकार और मोहन के वकील उसके समक्ष उपस्थित हुए और कहा कि आगे कोई स्थगन नहीं दिया जाएगा। सुप्रीम कोर्ट की बेंच ने कहा की, 10 अप्रैल 2023 के आदेश द्वारा प्रतिवादी-4 (आनंद मोहन) को छूट के संबंध में मूल रिकॉर्ड अदालत के समक्ष रखा जाना चाहिए।” साथ ही कहा कि आपराधिक पूर्ववृत्त के संबंध में रिकॉर्ड भी इसके सामने रखे जाएं।

जेल से रिहा होने के बाद आनंद मोहन का भाषण

नीतीश सरकार की वजह से जेल से रिहा हुआ बाहुबली

आनंद मोहन का नाम उन 20 से अधिक कैदियों की सूची में शामिल था, जिन्हें राज्य के कानून विभाग द्वारा जारी एक अधिसूचना द्वारा मुक्त करने का आदेश दिया गया था, क्योंकि उन्होंने 14 साल से अधिक सलाखों के पीछे बिताए थे। नीतीश कुमार (Nitish Kumar) सरकार द्वारा बिहार जेल नियमावली में 10 अप्रैल के संशोधन के बाद उनकी सजा में छूट दी गई थी, जिसके तहत ड्यूटी पर एक लोक सेवक की हत्या में शामिल आनंद मोहन की जल्द रिहाई पर से प्रतिबंध हटा दिया गया था। आलोचकों का दावा है कि राज्य सरकार ने ये फैसला आनंद मोहन की रिहाई की सुविधा के लिए किया था। जानकारों का मानना है आनंद मोहन जो कि एक एक राजपूत बाहुबली हैं वो बीजेपी के खिलाफ अपनी लड़ाई में नीतीश कुमार के नेतृत्व वाले महागठबंधन का वजन बढ़ा सकता है।

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