2019 से साबरमती जेल में बंद अतीक को उमेश पाल मर्डर केस के मामले में वापस प्रयागराज लाया जा रहा है, जिसमें वह मुख्य आरोपी है। पुलिस का काफिला रात करीब आठ बजे राजस्थान के उदयपुर के खेरवाड़ा शहर में घुसा और बाद में जिले में ईंधन भरने का पहला पड़ाव लिया।
सूत्रों के अनुसार, 1,200 किलोमीटर की सड़क यात्रा के दौरान कोई रात्रि ठहराव नहीं होगा और अतीक अहमद को ला रहा पुलिस का काफिला केवल ईंधन भरने के लिए रुकेगा। थकाऊ यात्रा के लिए काफिले में अतिरिक्त चालक हैं। अतीक अहमद को पहले गुजरात से राजस्थान और फिर आगरा के रास्ते उत्तर प्रदेश लाया जा सकता है, या फिर गुजरात से राजस्थान और मध्य प्रदेश और फिर झांसी के रास्ते उत्तर प्रदेश। काफिले के सोमवार शाम तक प्रयागराज पहुंचने की उम्मीद है।
प्रयागराज में अतीक के लिए जेल का कमरा तैयार
प्रयागराज की जेल की कोठरी की पहचान कर ली गई है, जहां उसे रखा जाएगा। सूत्रों ने बताया कि ये सीसीटीवी कैमरों से लैस है और फुटेज की सीधे लखनऊ स्थित जेल मुख्यालय में निगरानी की जा सकती है। महानिदेशक (जेल) आनंद कुमार व्यक्तिगत रूप से व्यवस्थाओं की निगरानी कर रहे हैं। अतीक को 28 मार्च को सुबह 11 बजे प्रयागराज की अदालत में पेश किया जाएगा। इस बीच अतीक ने कहा, “मुझे इनका प्रोग्राम मालूम है, हत्या” (मुझे पता है कि उनकी योजना मुझे मारने की है)।
जब गाड़ी पलटने की बात पर भड़क गए अखिलेश
उत्तर प्रदेश के मंत्री जेपीएस राठौर ने कहा था कि अगर अतीक कार से भागने की योजना बनाते हैं तो असंतुलित हो सकता है और कार पलट सकती है। राठौर की टिप्पणी पर प्रतिक्रिया देते हुए सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने कहा, “मुख्यमंत्री (योगी आदित्यनाथ) ने उन्हें (उत्तर प्रदेश के मंत्री जेपीएस राठौर) पहले ही बता दिया होगा कि कार कहां और कैसे पलट जाएगी। यदि आप गूगल और अमेरिका से मदद लेते हैं, तो वो दिखाएंगे कि कार कैसे और कब पलटी गई थी।”
अखिलेश यादव का इशारा गैंगस्टर विकास दुबे के पुलिस द्वारा मुठभेड़ में मारे जाने की ओर था, जब उसे उज्जैन से कानपुर लाया जा रहा था। उत्तर प्रदेश के डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक ने कहा, ‘हम कोर्ट के आदेशों का पालन कर रहे हैं, कोर्ट जो कहेगा, वह किया जाएगा। इस तरह की बातें मायने नहीं रखतीं।”
क्या हुआ था गैंगस्टर विकास दुबे के साथ?
पुलिस ने बताया था कि विकास दुबे 10 जुलाई, 2020 को एक मुठभेड़ में मारा गया था, जब उज्जैन से कानपुर ले जा रहा पुलिस का एक वाहन भौती इलाके में दुर्घटनाग्रस्त हो गया था और उसने मौके से भागने की कोशिश की थी। कानपुर के बिकरू गांव में 3 जुलाई, 2020 को दुबे को गिरफ्तार करने जा रहे आठ पुलिसकर्मियों के घात लगाकर किए गए हमले में आठ पुलिसकर्मियों के मारे जाने के बाद उनके खिलाफ मामला दर्ज किया गया था।