इंडिया गठबंधन (I.N.D.I.A. Alliance) के घटक दल समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) के लिए नई मुसीबत सामने आ गई है। लोकसभा चुनाव से पहले अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) की पार्टी के कद्दावर नेता आजम खां (Azam Khan) ने बगावत कर दी है। कहा जा रहा है कि वो सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव के रामपुर (Rampur) से चुनाव ना लड़ने के फैसले से नाराज हैं। उन्होंने इस सीट पर चुनाव के बहिष्कार की घोषणा कर दी है। आजम की ओर से रामपुर के सपा जिलाध्यक्ष अजय सागर ने मीडिया को लिखित बयान भी जारी किया है। इस पत्र में आजम खां ने लिखा कि, ''पिछले कुछ समय में रामपुर को बर्बाद करने में कोई कसर नहीं छोड़ी गई। हजारों बेगुनाह लोगों पर झूठे मुकदमे लगाए गए और जेलों में डाला गया। रामपुर की आम जनता के साथ घोर अन्याय किया गया। पिछले दो उपचुनावों में जो कुछ हुआ उसे पूरी दुनिया अच्छी तरह जानती है। रामपुर की ऐसी विशेष परिस्थितियों के कारण लोकसभा के वर्तमान चुनाव में हमने राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव से रामपुर से चुनाव लड़ने का आग्रह किया था। हमारा विचार था कि इन हालात में राष्ट्रीय अध्यक्ष का रामपुर से चुनाव लड़ना आवश्यक है। हम समझते हैं कि कन्नौज, आजमगढ़, बदायूं, मैनपुरी, एटा और फिरोजाबाद महत्वपूर्ण सीटें हैं, जिनका जीतना जरूरी है। इस सबके बाद रामपुर का सवाल है कि रामपुर कौन जीतेगा?''

रामपुर में सपा जिलाध्यक्ष अजय सागर और पिछले लोकसभा उपचुनाव में प्रत्याशी रहे आसिम राजा ने मीडिया के सामने आजम खां के पत्र को सार्वजनिक भी किया। इस पत्र में कहा गया है कि, ''लोकसभा के चुनाव की प्रक्रिया चल रही है। सबकी निगाहें प्रत्याशी की घोषणा पर लगी हुई है। हम भी पिछले 40-50 वर्षों से चुनाव प्रकिया के भागीदार रहे हैं। लेकिन, हमारे सामने यह केवल चुनाव कभी नहीं रहा, बल्कि हमेशा गरीबों, मजदूरों, युवाओं और विशेषकर आने वाली नस्लों का भविष्य हमारी सियासत और जिंदगी का मकसद रहा है।'' इसके अलावा उन्होंने लिखा कि, ''हमने बहुत चुनाव लड़े, जीते भी और हारे भी। लेकिन हौंसला कभी नहीं हारा। परंतु जब चुनाव, चुनाव ही ना रहे तो कुछ सोचना ही पड़ता है। एक ही जिले और मण्डल में एक ही अधिकारी चुनाव आयोग के नियमों के विरुद्ध रह रहा है। उद्देश्य केवल और केवल चुनाव हराना ही है जिसे समझा जा सकता है। ऐसे माहौल और हालात में हम वर्तमान चुनाव का बहिष्कार करते हैं।''
