बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार समाधान यात्रा पर बिहार में घूम रहे हैं। बिहार के विकास के लिए जातीय गणना का काम शुरू है। लेकिन बिहार की जनता सरकार और प्रशासन से परेशान होकर सड़कों पर उतर आई है। बक्सर में किसानों का गुस्सा फूटा तो चौसा के सरकारी पावर प्लांट SJVN के आसपास का इलाक़ा धधक पड़ा। प्लांट के पास खड़ी दो बसों के अलावा पुलिस की गाड़ी भी गुस्साए किसानों ने फूंक डाली।
किसानों का आरोप है कि ज़मीन मुआवजे की मांग को लेकर उनके शांतिपूर्ण धरने के बाद पुलिस ने आधी रात को अचानक एक किसान के घर में घुसकर मारपीट की और कुछ लोगों को गिरफ्तार किया। जिसके बाद बुधवार की सुबह से आगजनी शुरु हो गई। लोगों के आक्रोश को शांत करने के लिए मौके पर पुलिस भी पहुंची। डीएम अमन समीर, एसपी मनीष कुमार सहित बक्सर जिले के सभी बड़े पुलिस और प्रशासन के अधिकारी मौके पर पहुंचे। दोपहर बाद डीआईजी नवीन चंद्र झा भी प्लांट में पहुंचे। जिले के सभी थानों से पुलिस को यहां बुलाकर तैनात किया गया। लेकिन, जब मामला शांत नहीं हुआ तो सुशासन बाबू की पुलिस ने हवाई फायरिंग कर दी।
बक्सर में बवाल क्यों मचा है ?
किसान चौसा के पास बन रहे थर्मल पावर प्लांट से जुड़ी पानी की पाइप लाइन और रेलवे लाइन के लिए जमीन अधिग्रहण के मसले पर प्रदर्शन कर रहे हैं। विरोध में किसानों ने निर्माणाधीन बिजलीघर के मुख्य द्वार पर ताला जड़ दिया था। इसका प्रशासन ने उस वक्त कोई विरोध नहीं किया, लेकिन रात होते ही बड़ी संख्या में पुलिस प्रभावित गांवों में पहुंच गयी। इस दौरान कई किसानों के घर में घुसकर पुलिस ने बेरहमी से मारपीट की, जिसके बाद मामला बिगड़ गया।
- चौसा में बिहार सरकार का पावर प्लांट बन रहा है
- 1000 किसानों की ज़मीन का अधिग्रहण किया गया है
- 2013 की दर पर किसानों को मुआवजा दिया जा रहा है
- किसानों ने आज की दर पर मुआवजे की मांग की है
- अपनी मांग के समर्थन में 86 दिनों से धरना जारी है
- कंपनी ने पाइपलाइन के लिए जबरन अधिग्रहण किया है
- भड़के किसानों ने कंपनी के गेट पर धरना दिया
- धरने की वजह से प्लांट के कामकाज में बाधा आई
- पुलिस एक किसान के घर में देर रात जबरन घुस गई
- जिसकी मारपीट की तस्वीर सामने आने के बाद हालात बेक़ाबू हो गए
बक्सर में ग्रामीणों और पुलिस के बीच भीषण झड़प को लेकर बिहार के डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव ने कहा की उन्हें मामले की जानकारी नहीं है, पता लगाकर संज्ञान लेंगे।