सुप्रीम कोर्ट में काले धन पर केंद्र सरकार का पक्ष रखते हुए अटॉर्नी जनरल आर वेंकटरमणी (R Venkataramani) की एक दलील विवाद का केंद्र बन गयी। देशभर का चंद्रवंशी समाज एकजुट हो गया और उनका विरोध करने लगा। दरअसल, सुप्रीम कोर्ट में अटॉर्नी जनरल आर वेंकटरमणि ने कहा था कि,जाली नोट और जाली करेंसी को उसी तरह टुकड़े-टुकड़े करके फेंक देना चाहिए जिस तरह जरासंध को टुकड़े-टुकड़े करके फेंक दिया गया था। इस बयान से पूरे देश भर के चंद्रवंशी समाज आहत हो गए। आक्रोशित समाज ने देश के हर राज्य में धरना प्रदर्शन, पुतला दहन कर अपने गुस्से का इज़हार किया। चंद्रवंशी समाज ने अटॉर्नी जनरल से माफी मांगने की मांग भी की है।
अखिल भारतवर्षीय चंद्रवंशी क्षत्रिय महासभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. ईश्वर सागर चंद्रवंशी ने कहा कि, ‘महान चक्रवर्ती सम्राट जरासंध चंद्रवंशी समाज के इष्टदेव हैं, हम लोग उनकी पूजा करते हैं। ऐसी स्थिति में अटॉर्नी जनरल के बयान की जितनी भी निंदा की जाए कम है। उन्हें अविलंब समाज से माफी मांगनी होगी।’ईश्वर सागर चंद्रवंशी के मुताबिक समाज के लोगों ने राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री और कानून मंत्री को पत्र लिखकर अटॉर्नी जनरल को बर्खास्त करने की मांग की है।
चंद्रवंशी महासभा के झारखंड प्रदेश अध्यक्ष बजरंग वर्मा ने कहा कि, ‘सामंतवादी विचारधारा के अटॉर्नी जनरल चंद्रवंशी समाज को कमजोर समझने की भूल ना करें। झारखंड के प्रत्येक जिला में उनका पुतला जलाया जा रहा है धरना प्रदर्शन हो रहा है। समाज के लोग उग्र एवं काफी गुस्से में हैं। इसके बावजूद अटॉर्नी जनरल के कानों में जूं तक नहीं रेंगी है। वो अभिलंब इस्तीफा दें , वरना समाज के लोग सदन तक जोरदार आंदोलन करेंगे और तब तक आंदोलन करेंगे जब तक केंद्र सरकार उनको पद मुक्त नहीं कर देती है।’
चंद्रवंशी महासभा के बिहार प्रदेश अध्यक्ष संजय चंद्रवंशी ने कहा कि, ‘महाराजा जरासंध काफी ताकतवर, शिवभक्त और ब्राह्मणों का काफी आदर करते थे। वो हमारे पूजनीय हैं। अटॉर्नी जनरल ने चंद्रवंशी समाज को अपमानित करने का काम किया है। उन्हें एक मिनट भी पद पर बने रहने का अधिकार नहीं है। बिहार में उनका जोरदार विरोध प्रदर्शन हो रहा है।’वहीं महासभा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष रविंद्र वर्मा, राष्ट्रीय संगठन मंत्री राजन वर्मा, राष्ट्रीय सचिव बिंदु वर्मा, रांची जिला अध्यक्ष मंटू वर्मा ने कहा कि, एक सर्वोच्च पद पर विराजमान अटॉर्नी जनरल ने महाराजा जरासंध का अपमान करने का कोई अधिकार नहीं है । उन्हें अविलंब चंद्रवंशी समाज से माफी मांगनी चाहिए।’ जबकि इन सभी के मुताबिक अगर अटॉर्नी जनरल माफी नहीं मांगते तो समाज के लोग सड़क से लेकर सदन तक जोरदार आंदोलन के सात दिल्ली में उग्र आंदोलन करेंगे।