दिल्ली के प्रगति मैदान में विशाल विश्व पुस्तक मेला , राष्ट्रीय पुस्तक न्यास और भारत व्यापार संवर्धन संगठन के संयुक्त तत्वावधान में नवनिर्मित हॉल नंबर दो , तीन , चार और पाँच में आरम्भ हुआ। इंदिरा गाँधी राष्ट्रीय कला केंद्र ( संस्कृति मंत्रालय , भारत सरकार ) ने विश्व पुस्तक मेले में भाग लिया। इस तत्त्वाधान में इंदिरा गाँधी कला केंद्र के सदस्य सचिव डॉ. सच्चिदानंद जोशी ने हॉल नंबर 5 के स्टॉल नंबर 433 का उद्घाटन किया जो कि इंदिरा गाँधी राष्ट्रीय कला केंद्र के लिए आवंटित है। इस अवसर पर डॉ. सुधीर लाल , श्री रवि श्रीवास्तव, अचल पंड्या , डॉ. संजय झा और डॉ. योगेश शर्मा भी उपस्थित रहे।
राष्ट्रीय कला केंद्र में पुस्तक मेले का उद्घाटन करते हुए सदस्य सचिव डॉ. सच्चिदानंद जोशी ने अपने विचार प्रस्तुत किए जिसमें साहित्य और कला की पुस्तकों की सराहना की और इस पुस्तक मेले के माध्यम से साहित्य और कला पर लिखी गईं विभिन्न भाषाओं में पुस्तकें पाठकों तक पहुँचे इस पर भी चर्चा की। सदस्य सचिव ने विशेषकर निर्देश दिया कि सभी पाठकों तक कला और संस्कृति की पुस्तकें पहुँचें। इस मौके पर पब्लिकेशन एकक के प्रकाशन अधिकारी श्री रवि श्रीवास्तव की पुस्तक प्रकाशन एवं विश्व पुस्तक मेले में भागीदारी के लिए प्रशंसा की और उनकी टीम को बधाई दी।
प्रगति मैदान में विश्व पुस्तक मेले का आगाज 25 फरवरी को हुआ। कोविड महामारी के दो साल के अंतराल के बाद पुस्तक प्रेमियों के लिए एक बार फिर पुस्तकों का दरवाजा खुला। मेला आयोजक नेशलन बुक ट्रस्ट (NBT) के अनुसार 1000 प्रकाशक हिस्सा ले रहे हैं। इसमें कुछ विदेशी प्रकाशक भी शामिल हैं। आजादी के अमृत महोत्सव के दौरान आयोजित मेले की थीम भी अमृत महोत्सव पर आधारित है। हर वर्ष पुस्तक मेले का आयोजन प्रगति मैदान के नए हॉल में किया जाता है। हॉल नंबर दो में हिन्दी और क्षेत्रीय भाषाओं की किताबों के काउन्टर लगे हैं। जिसमें सभी धार्मिक और साहित्यिक पुस्तकें मौजूद हैं। जबकि हॉल नंबर 5 में साहित्य और कला से संबंधित पुस्तकें रखी गई हैं।