केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) ने शनिवार को दिल्ली सचिवालय में AAP नेता और उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया के कार्यालय पर छापा मारा। सिसोदिया ने अपने ट्वीट में कहा कि..

''CBI आज फिर मेरे ऑफिस पर पहुंची है। उनका स्वागत है। उन्होंने मेरे घर, मेरे कार्यालय, मेरे लॉकर की तलाशी ली। मेरे खिलाफ कुछ भी नहीं मिला है, और कुछ भी नहीं मिल पाएगा, क्योंकि मैंने कुछ भी गलत नहीं किया है। ईमानदारी से दिल्ली के युवाओं की शिक्षा के लिए काम कर रहा हूं।''
पिछले अगस्त में, सीबीआई ने दिल्ली आबकारी नीति 2021-22 मनी लॉन्ड्रिंग मामले में सिसोदिया के पंजाब नेशनल बैंक के लॉकर की तलाशी ली थी। जबकि मनीष सिसोदिया ने दावा किया था कि CBI को कुछ भी नहीं मिला। सीबीआई के एक अधिकारी के अनुसार, पिछले साल दिल्ली और NCR की 21 जगहों पर कई छापे मारे गए थे, जिसमें सिसोदिया का घर और 4 सार्वजनिक कार्यकर्ताओं के कार्यालय शामिल थे। सूत्रों के अनुसार सात अलग-अलग राज्यों में छापे मारे गए थे।

दिल्ली के उपराज्यपाल के मुख्य सचिव वीके सक्सेना द्वारा इस विषय पर सीबीआई जांच का सुझाव देते हुए एक रिपोर्ट भेजे जाने के बाद जांच की गई। 2021 में घातक डेल्टा कोविड -19 प्रकोप के बीच मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व में दिल्ली मंत्रिमंडल द्वारा कर प्रस्ताव को मंजूरी दी गई थी। दिल्ली सरकार मुताबिक ये नीति अधिकतम राजस्व सृजन प्राप्त करने और दिल्ली में नकली शराब या गैर-शुल्क भुगतान शराब की बिक्री को खत्म करने के साथ-साथ ग्राहकों की सुविधा के लिए तैयार की गई थी। लेकिन, दिल्ली की नई आबकारी नीति में गड़बड़ी का आरोप है। ये भी आरोप है कि इस नीति के जरिए शराब लाइसेंस धारियों को गलत तरीके से फायदा पहुंचाया गया। लाइसेंस देने में अनदेखी हुई। टेंडर के बाद शराब ठेकेदारों के 144 करोड़ रुपए माफ करने का आरोप भी है।

उपराज्यपाल (LG) के निर्देश के बाद दिल्ली पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा (EOW) के सहायक आयुक्त ने दिल्ली के आबकारी आयुक्त को एक नोटिस भेजा था, जिसमें नई आबकारी नीति के तहत शराब लाइसेंस जारी करने से संबंधित सभी रिकॉर्ड्स मांगे गए थे।