Thursday, November 21, 2024
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Delhi Air Pollution: दिल्ली में प्रदूषण के बीच आम आदमी पार्टी का BJP पर दोषारोपण, सांस लेना दुश्वार और राजनीति बेशुमार, जानिए हर बार सर्दियों में कैसे नाकाम होती आई हैं सरकारें

DELHI: देश की राजधानी दिल्ली प्रदूषण की गिरफ्त में है। लोगों का सांस लेना दूभर है। AQI लेवल 500 के आसपास है। हमारे-आपके फेफड़ों के अंदर बहुत गहराई तक जाने वाले 2.5 माइक्रॉन से कम आकार के पार्टिकुलेट मैटर (PM2.5) में 24 घंटों के भीतर 68% की वृद्धि दर्ज की गई है, जो कि इस सीजन का रिकॉर्ड है। लिहाज़ा, दिल्ली की आम आदमी पार्टी की सरकार मीटिंग पर मीटिंग कर रही है। प्रदूषण पर काबू पाने की कोशिश कर रही है। लेकिन, इस कोशिश पर शक होता है। आप सोच रहे होंगे शक क्यों। दिल्ली में आम आदमी पार्टी की सरकार को 7 साल से ज़्यादा का वक्त हो गया है। आम आदमी पार्टी लगातार दो बार से सत्ता में है। इस दौरान कोई मौका ऐसा नहीं आया जब राजधानी में सर्दियों के दौरान प्रदूषण की समस्या सामने ना आई हो। दिल्ली सरकार ने प्रदूषण और स्मॉग कम करने के लिए उपाय भी किए। ऑड-ईवन और GRAP-4 लागू किया, जबकि कारखानों को भी कुछ दिनों के लिए बंद किया। लेकिन, एक बात गौर करने वाली रही कि इस दौरान आम आदमी पार्टी की सरकार ने प्रदूषण को कंट्रोल करने के उपायों और प्रबंधन के साथ राजनीति भी जमकर की। पराली की समस्या को लेकर पंजाब और हरियाणा की सरकार पर दोषारोपण करने के साथ केंद्र सरकार पर निशाना साधा। जबकि, इन 7 सालों में ऐसा कभी नहीं दिखा कि सर्दियों से पहले ही केजरीवाल की सरकार ने प्रदूषण कम करने को लेकर कोई ठोस रणनीति बनाई हो और उसपर अमल किया हो। 
सोशल मीडिया पोस्ट

सांसों पर भारी केजरीवाल सरकार की राजनीति!

आम आदमी पार्टी की सरकार जनसरोकार की राजनीति का दावा करती है। मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल कहते हैं कि उनकी सरकार आम लोगों के लिए है। लेकिन, क्या आम क्या खास, जब से दिल्ली में आम आदमी पार्टी की सरकार बनी है, प्रदूषण पर फुल कंट्रोल नहीं किया जा सका। आज भी सर्दियां आते ही दिल्ली के लोग शुद्ध हवा के लिए तरसते हैं और जो सक्षम हैं वो इसके लिए पहाड़ों का रूख करते हैं। गौरतलब है कि अरविंद केजरीवाल सरकार प्रदूषण पर राजनीति भी करने लगी है। केजरीवाल सरकार प्रदूषण के लिए केंद्र सरकार या कहें मोदी सरकार को इसके लिए जिम्मेदार ठहराने लगी है। आम आदमी पार्टी ने सोशल मीडिया प्लैटफॉर्म एक्स पर एक फोटो ट्वीट किया। इस फोटो में नरेंद्र मोदी को मास्क लगाए दिखाया गया। जिसमें नीचे लिखा था MAN BEHIND POLLUTON। इसमें कोई शक नहीं कि दिल्ली में प्रदूषण की समस्या से लोगों को निजात दिलाने के लिए केंद्र सरकार को भी सख्त कदम उठाने चाहिए, पूरी तैयारी करनी चाहिए, क्योंकि दिल्ली पूर्ण राज्य नहीं। लेकिन, ये भी तो सच है कि दिल्ली सरकार केंद्र पर आरोप मढ़कर अपनी जिम्मेदारियों से भाग नहीं सकती। 
आम आदमी पार्टी की पोस्ट

सुप्रीम कोर्ट सख्त, कृत्रिम बारिश की जुगत

प्रदूषण को लेकर चल रही राजनीति के बीच सुप्रीम कोर्ट में इस मामले को लेकर सुनवाई हुई। सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई को दौरान कुछ अहम बातें कहीं। अदालत ने कहा कि, किसानों को पराली ना जलाने के लिए केंद्र और राज्य, दोनों सरकारों को आगे आना होगा। अरविंद केजरीवाल की सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में कहा कि पूसा डी-कंपोज़र के ज़रिए प्रदूषण की समस्या को काफी हद तक कंट्रोल किया गया है। इस पर सुप्रीम कोर्ट ने जवाब दाखिल करने को कहा। इसके अलावा सुप्रीम कोर्ट ने स्मॉग टावर्स को तुरंत चालू करने के निर्देश दिए। अदालत ने धान की खेती को चरणबद्ध तरीके से बंद करने के साथ उसकी जगह दूसरी फसलों की बुआई की सलाह दी। इस बीच दिल्ली की सरकार ने पहली बार कृत्रिम बारिश करवाने का फैसला किया है। सूत्रों के मुताबिक 20 से 21 सितंबर के बीच दिल्ली में कृत्रिम बारिश कराई जा सकती है। IIT कानपुर ने दिल्ली सरकार को इस बाबत पूरा प्लान सौंप दिया है। शुक्रवार यानि 10 नवंबर को दिल्ली सरकार सुप्रीम कोर्ट के इसकी जानकारी देगी। कहा तो ये भी जा रहा है कि दिल्ली सरकार कृत्रिम बारिश कराने को लेकर सुप्रीम कोर्ट से केंद्र सरकार से मदद दिलाने की गुज़ारिश भी कर सकती है। 

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