दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने अपनी सरकार पर संकट के बीच आम आदमी पार्टी के विधायकों और पार्षदों के साथ एक उच्च स्तरीय बैठक की। AAP के निर्वाचित प्रतिनिधियों के साथ ये बैठक दिल्ली के दो शीर्ष मंत्रियों मनीष सिसोदिया और सत्येंद्र जैन के सरकार से इस्तीफा देने के एक दिन बाद हुई है। बैठक के बाद अरविंद केजरीवाल मीडिया के सामने आए और कहा कि..
''शराब नीति बहाना है इसमें कोई घोटाला नहीं हुआ। असल में PM चाहते हैं कि दिल्ली में हो रहा अच्छा काम रुक जाए। हमने सबसे अच्छा काम शिक्षा और स्वास्थ्य के क्षेत्र में किया है ,और दोनो मंत्रियों को जेल में डाल दिया गया। लेकिन, मैं आश्वासन देता हूं कि काम नहीं रुकेगा।''
सिसोदिया को रद्द की जा चुकी दिल्ली आबकारी नीति के कार्यान्वयन में कथित नियमितताओं के संबंध में केंद्रीय जांच ब्यूरो द्वारा आठ घंटे की पूछताछ के बाद रविवार को गिरफ्तार किया गया था। उन्हें सोमवार को सीबीआई की विशेष अदालत में पेश किया गया, जहां से उन्हें 4 मार्च तक केंद्रीय एजेंसी की हिरासत में भेज दिया गया। सिसोदिया ने अपने इस्तीफे में केजरीवाल के खिलाफ उन लोगों की साजिश का आरोप लगाया था जो AAP संयोजक की सच्चाई की राजनीति से डरे हुए हैं। सिसोदिया ने अपने खिलाफ लगे आरोपों को निराधार बताते हुए कहा कि वह सच्चाई के रास्ते पर चलने के लिए जेल जाने से नहीं डरते।
दिल्ली सरकार के एक अधिकारी ने बताया कि इससे पहले दिन में केजरीवाल ने अपने मंत्री परिषद में आतिशी और सौरभ भारद्वाज को शामिल करने की सिफारिश की थी। मुख्यमंत्री ने गृह, वित्त, शिक्षा, बिजली और योजना सहित एक दर्जन से अधिक विभागों को वितरित किया, जो सिसोदिया ने मंत्रियों राज कुमार आनंद और कैलाश गहलोत के बीच रखे थे।