दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल की गिरफ्त में आए आरोपी आतंकी जगजीत सिंह और नौशाद के निशाने पर पंजाब के बड़े हिंदू नेता थे। सूत्रों के मुताबिक दोनों ने हत्याकांड को अंजाम देने की तैयारी शुरू कर दी थी। इस हत्याकांड को जनवरी के आख़िरी हफ्ते में अंजाम देने की प्लानिंग थी। पुलिस से जुड़े सूत्रों मुताबिक…
- बजरंग दल, शिवसेना और कांग्रेस से जुड़े तीन हिंदू नेताओं की हत्या की योजना थी
- आरोपी आतंकी जगजीत सिंह और नौशाद 27 और 31 जनवरी के दिन हत्या करना चाहते थे
- पुलिस के मुताबिक हत्याकांड के ज़रिए सांप्रदायिक माहौल बिगाड़नी की साज़िश रची गई थी
पंजाब में हिन्दू लीडर की हत्या करने के लिए दोनों के हैंड ग्रेनेड का बंदोबस्त किया था जिसे पुलिस ने भलस्वा के मकान से बरामद किया था। इसके अलावा दोनों के पास से 3 पिस्टल और 22 कारतूस भी मिला है। पुलिस की मानें तो पंजाब में हिंदू नेताओं की हत्या का आदेश सीमा पार पाकिस्तान से मिला था। लेकिन उससे पहले दोनों को ये साबित करना था कि वो हत्याकांड को अंजाम दे सकते हैं। इसलिए जगजीत सिंह और नौशाद ने पाकिस्तान में बैठे अपने आका को अपनी काबिलियत साबित करने के लिए एक 21 साल के हिंदू युवक की हत्या की। पुलिस सूत्रों के मुताबिक, युवक के हाथ पर त्रिशूल का निशान बना हुआ था। त्रिशूल के निशान से पता चला कि शव हिंदू युवक का था। जगजीत सिंह और नौशाद ने युवक की हत्या करने के बाद इसकी जानकारी सीमापार भेजी थी। पुलिस की मानें तो…
- दोनों युवक की हत्या की सूचना पाकिस्तान में बैठे सलमान नाम के शख्स को भेजी थी
- सलमान पाकिस्तान की ख़ुफ़िया एजेंसी ISI के लिए काम करता है
- सलमान ने ही दोनों को अपनी काबिलियत साबित करने को कहा था
- ताकि उन्हें हिंदू नेताओं की हत्या का काम सुपुर्द किया जा सके
पाकिस्तान के आतंकी संगठन से जुड़ा था नौशाद !
हालांकि, जगजीत और नौशाद अपनी प्लानिंग में कामयाब नहीं हो पाए। इससे पहले कि वो हत्याकांड को अंजाम देते दोनों को दिल्ली पुलिस ने दबोच लिया। जगजीत सिंह खालिस्तानी आतंकियों के संपर्क में था और नौशाद हरकत-उल-अंसार से जुड़ा था। नौशाद हत्या और जबरन वसूली जैसे मामलों में लंबे वक्त तक जेल में रहा है।
- जेल में उसकी मुलाकात लाल किले पर हमले के आरोपी आरिफ़ मोहम्मद से हुई
- जेल में ही वो लश्कर-ए-तैयबा के आतंकी सोहेल से भी मिला
- सोहेल 2018 में पाकिस्तान चला गया था
- नौशाद अप्रैल 2022 में जेल से बाहर आने के बाद सोहैल और नौशाद के संपर्क में था
- सोहेल ने नौशाद को प्रभावशाली हिंदुओं की हत्या का काम सौंपा था
आरोपी जगजीत सिंह को खालिस्तानी गतिविधियों को बढ़ाने के लिए कहा गया था। जानकारी के मुताबिक जगजीत खालिस्तानी आतंकी अर्शदीप डल्ला के संपर्क में था। बंबिहा गिरोह का गैंगस्टर रहा चुका अर्शदीप कनाडा में रह चुका है। जगजीत और नौशाद ने दिल्ली में दो अलग-अलग जगहों पर मकान किराए पर लिया था। भलस्वा के मकान में हत्याकांड को अंजाम दिया था, और जहांगीरपुरी के मकान में नौशाद का परिवार रहता था। इसी घर से दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने दोनों को गिरफ्तार किया था।
कैसे हुआ आतंकी साज़िश का पर्दाफ़ाश ?
दिल्ली पुलिस ने 12 जनवरी को पुलिस ने जहांगीरपुरी इलाके से दो खालिस्तानी आतंकियों को गिरफ्तार किया था। वो भलस्वा डेयरी के पास एक घर में किराए से रह रहे थे। उनकी पहचान 29 साल के जगजीत सिंह उर्फ जग्गा और 56 साल के नौशाद के रूप में हुई थी। पुलिस ने उनके पास से 3 पिस्टल और 22 कारतूस बरामद किया था। आतंकियों पर UAPA के तहत केस दर्ज किया गया है। पूछताछ में आरोपियों से मिली जानकारी के बाद पुलिस ने शुक्रवार शाम उनके घर पर छापेमारी की, जहां से दो हैंड ग्रेनेड भी बरामद हुए। पुलिस को घर में खून के निशान भी मिले। इस पर पुलिस को शक हुआ कि आतंकियों ने यहां किसी की हत्या की है।