2024 के लोकसभा और विधानसभा चुनावों को देखते हुए कांग्रेस आलाकमान (congress high command) अब कमान से निकल चुके उन तीरों की धार कुंद कर देना चाहती है जिससे उसके वोटबैंक को नुकसान हो सकता है। इसके लिए कांग्रेस ने राज्यों के नेतृत्व के खिलाफ बागी तेवर दिखा रहे नेताओं को सत्ता में हिस्सेदारी का प्रलोभन देना शुरु किया है। इस क्रम में पहला नाम है छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) के नेता टीएस सिंह देव (TS Singhdev) का। छत्तीसगढ़ की राजनीति में बड़ा बदलाव करते हुए कांग्रेस ने भूपेश बघेल सरकार (Bhupesh Baghel Govt.) में स्वास्थ्य मंत्रालय समेत कई दूसरे मंत्रालय संभाल रहे सीनियर कांग्रेसी नेता टीएस सिंहदेव (TS Singhdev) को उपमुख्यमंत्री (Deputy CM) बना दिया है।
‘महाराज’ को डिप्टी सीएम बनाकर एक तीर से दो निशाने
दरअसल 2018 में कांग्रेस ने प्रंचड बहुमत के साथ छत्तीसगढ़ में सरकार बनाई थी। चुनाव में जीत के पीछे महाराज के नाम से मशहूर टीएस सिंहदेव का महत्वपूर्ण योगदान था। लेकिन, कांग्रेस आलाकमान ने राज्य की बागडोर भूपेश बघेल को सौंप दी। इसके बाद से ही टीएस सिंहदेव को सीएम बनाने की मांग ने ज़ोर पकड़ लिया। कयास लगाए जा रहे थे कि इस साल के अंत तक होने वाले विधानसभा चुनाव में बीजेपी इस मुद्दे को भुनाएगा, जिससे कांग्रेस को नुकसान हो सकता है। लिहाज़ा, पार्टी ने इस संकट को टाल दिया। दिल्ली से ऑर्डर जारी हुआ और रायपुर में टीएस सिंह देव को नंबर दो की कुर्सी सौंप दी गई। हालांकि, सवाल ये है कि क्या डिप्टी सीएम बनकर टीएस सिंहदेव चुप बैठ जाएंगे और पार्टी में गुटबाज़ी पूरी तरह खत्म हो जाएगी।
राजस्थान में भी दिखेगा कांग्रेस का ‘छत्तीसगढ़ मॉडल’
छत्तीसगढ़ के बाद कांग्रेस आलाकमान का ध्यान राजस्थान (Rajasthan) पर है। कहा जा रहा है कि छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) की ही तरह राजस्थान के नेतृत्व में भी फेरबदल (Reshuffle in the leadership of Rajasthan) किया जा सकता है। खबरों की मानें तो 3 जुलाई को राजस्थान कांग्रेस (Rajasthan Congress) के नेताओं के साथ पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे (Mallikarjun Kharge) और पूर्व अध्यक्ष राहुल (Rahul Gandhi) गांधी बैठक करेंगे।
बताया जा रहा है कि सचिन पायलट को नई ज़िम्मेदारी (New responsibility to Sachin Pilot) दी जा सकती है। कहा तो यहां तक जा रहा है कि सचिन पायलट को चुनाव प्रचार समिति का जिम्मा (Sachin Pilot is given the responsibility of election campaign committee) सौंपा जा सकता है, ताकि साल के अंत में होने वाले राजस्थान विधानसभा चुनाव में पार्टी को अंदरुनी कलह का नुकसान ना हो। वहीं सचिन पायलट को फिर से पीसीसी की कमान भी दी जाने की चर्चाएं हैं। अब देखना ये होगा की 96 घंटे बाद राजस्थान में कलह का समाधान क्या निकालती है कांग्रेस आलाकमान