उत्तराखंड सरकार (Government of Uttarakhand) का यात्रा को रोकने का फैसला सही साबित हुआ, खासकर केदारनाथ में। केदारनाथ (Kedarnath) में लगातार हो रही बर्फबारी (Snowfall) के बीच ग्लेशियर टूटा (Glacier Broke) है। बुधवार को करीब शाम 4 बजे से ग्लेशियर टूटना शुरू हुआ। ये ग्लेशियर केदारनाथ पैदल मार्ग (Kedarnath Walking Route) पर भैरव गदेरे (Bhairav Gadere) में टूटा।
ग्लेशियर में फंसे 4 लोगों को किया गया रेस्क्यू
करीब 20 मिनट तक बर्फ टूट टूटकर पैदल मार्ग पर गिरती रही। जिससे पैदल मार्ग पूरी तरह से बंद हो गया। गनीमत रही कि सरकार ने यात्रा पर पहले से ही रोक लगा रखी थी, जिससे हताहत की कोई खबर तो नहीं आई। मगर 4 पोटर (यात्रियों का सामान ले जाने वाले) रास्ते में जरूर फंस गए। स्थानीय लोगों की सूचना पर एसडीआरएफ (SDRF) की टीम ने वहां पहुंचकर इन चारों को रेस्क्यू किया।
केदारनाथ के पैदल रास्ते पर काफी बर्फ गिरी हुई है, जिससे यात्रियों को फिसलने का भी खतरा पैदा हो गया है। 4 जगहों पर हिमस्खन (Avalanche) का खतरा ज्यादा बताया जा रहा है। जिस पर सरकार और आपदा प्रबंधन विभाग (Disaster Management Department) पैनी नजर बनाए हुए है। 1 मई से ही लगातार हो रही बर्फबारी के चलते मौसम की स्थिति को ध्यान में रखते ही यात्रियों को आगे भेजा जा रहा है। हालांकि केदारनाथ में आज गुरुवार को केदारनाथ धाम में धूप खिली हुई नजर आई।
चारधाम यात्रा (Char Dham Yatra) शुरू होने के बाद से ही प्रदेश में लगातार मौसम खराब है। केदारनाथ धाम में बारिश और बर्फबारी से यात्रियों को काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है। बावजूद इसके श्रद्धालुओं के सैलाब में कोई कमी नहीं है। आस्था मौसम पर भारी पड़ रही है। केदारनाथ धाम के लिए 5 से 10 मई तक 1.25 लाख से ज्यादा यात्रियों ने पंजीकरण कराया है। चारों धाम में अब तक 3.52 लाख से ज्यादा यात्री दर्शन कर चुके हैं।