हल्द्वानी के बनभूलपुरा में हुई हिंसा (Violence in Banbhulpura) का मास्टरमाइंड अब्दुल मलिक (Mastermind Abdul Malik) नाम का शख्स बताया जा रहा है। इसके अलावा समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) के दो नेताओं पर भी हिंसा भड़काने (Incite Violence) और उसमें शामिल होने का आरोप लगा है। समाजवादी पार्टी के नेता अरशद अयूब (Samajwadi Party leader Arshad Ayub) और मशीन सिद्दीकी के भाई जावेद सिद्दीकी (Javed Siddiqui, brother of Machine Siddiqui) का नाम सामने आया है। बनभूलपुरा के पार्षद जीशान परवेज (Zeeshan Parvez) पर भी हिंसा भड़काने और उसमें शामिल होने का आरोप लगा है। पुलिस ने इनमें समाजवादी पार्टी नेता अरशद अयूब, जावेद सिद्दीकी, पार्षद जीशान परवेज और महबूब आलम को गिरफ्तार कर लिया है।

हल्द्वानी के बनभूलपुरा थाना क्षेत्र में मलिक के बगीचे में जहां अवैध कब्ज़ा हटाने के दौरान हिंसा हुई (Violence during removal of illegal encroachment), उस जगह पर हिंसा के मास्टरमाइंड अब्दुल मलिक ने अवैध कब्ज़ा (Illegal capture of mastermind Abdul Malik) कर रखा था। सूत्रों की मानें तो, अब्दुल मलिक के भड़काने पर ही वहां हिंसा हुई थी। अब्दुल मलिक पर हल्द्वानी समेत आसपास के कई इलाकों में सरकारी ज़मीनों पर अवैध कब्ज़ा करने का आरोप है और मलिक के बगीचे पर भी अब्दुल मलिक ने अवैध कब्ज़ा किया हुआ था, जिसे हाथ से जाता देख उसने हिंसा भड़काने का काम किया। बताया जा रहा है कि, मलिक के बगीचे और उसके आसपास करीब 70 हज़ार की आबादी रहती है। यहां तनाव को देखते हुए करीब 2 किलोमीटर के पूरे इलाके को प्रशासन ने सील कर दिया है।

हल्द्वानी हिंसा के मास्टरमाइंड अब्दुल मलिक ने ना सिर्फ़ मलिक के बगीचा में कई एकड़ की सरकारी ज़मीन पर कब्ज़ा (Illegal occupation of government land) किया, बल्कि करोड़ों की इस ज़मीन में प्लॉटिंग कर उसने सैकड़ों लोगों को बेचा भी। गौर करने वाली बात ये है कि उसने सिर्फ 50 रुपये के स्टांप पेपर पर ज़मीन की खरीद-फरोख्त की। मलिक के बगीचे की सरकारी ज़मीन 2014 के पहले पूरी तरह से खाली थी, लेकिन 2017 के बाद वहां अवैध कब्ज़ा किया गया और फिर मस्जिद, मदरसे बनाए गए। आरोप है कि मस्जिद और मदरसे की आड़ में अब्दुल मलिक ने करोड़ों की सरकारी ज़मीन को अवैध तरीके से बेचा। हालांकि, प्रशासन ने भी अवैध कब्जे पर कार्रवाई का दावा किया है।