Haryana: हरियाणा के नूंह (Nuh) जिले में सांप्रदायिक हिंसा के लगभग दो सप्ताह बाद विश्व हिंदू परिषद (VHP) की ब्रजमंडल धार्मिक यात्रा (Brajmandal Dharmik Yatra) को फिर से शुरू करने की तैयारियों पर चर्चा हुई। आज (13 अगस्त) को एक महापंचायत (Mahapanchayat) बुलाई गई। सर्व हिंदू समाज द्वारा बुलाई गई महापंचायत मूल रूप से नूंह में आयोजित होने वाली थी। लेकिन, पुलिस द्वारा कथित तौर पर दंगा प्रभावित जिले में कार्यक्रम की अनुमति देने से इनकार करने के बाद अब ये पलवल (Palwal) की सीमा पर एक गांव में आयोजित की गई। पंचायत का फैसला पंच रतन सिंह ने सुनाया, जबकि 51 लोगों की कमेटी ने लिया फैसला।
महापंचायत के दौरान 31 जुलाई को नूंह हिंसा (Nuh Violence) में मारे गए लोगों को याद करते हुए एक प्रस्ताव पारित किया गया। महापंचायत ने मांग की कि, नूंह में हुई सांप्रदायिक हिंसा की जांच राज्य सरकार से नहीं बल्कि NIA से करायी जाए। उन्होंने ये भी कहा कि हिंसा में मारे गए लोगों के परिवारों को 1 करोड़ रुपये और सरकारी नौकरी दी जानी चाहिए और घायलों को 50 लाख रुपये दिए जाने चाहिए। महापंचायत ने ये भी कहा कि, सभी विदेशियों (रोहिंग्याओं) को नूंह जिले से बाहर निकाला जाना चाहिए और अगर आत्मरक्षा के लिए हथियार ले जाए जा रहे हैं तो सरकार को सख्त रुख नहीं अपनाना चाहिए।
महापंचायत ने ये मांग भी रखी की कि, पुलिस को दंगाइयों की पहचान करनी चाहिए और उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई करनी चाहिए। उन्होंने मेवात में केंद्रीय बलों का मुख्यालय बनाने की भी मांग की। पंचायत ने ये भी मांग की कि, सरकार को नूंह हिंसा से संबंधित मामलों को गुरुग्राम (Gurugram) या अन्य जिलों में स्थानांतरित करना चाहिए ताकि उचित न्याय सुनिश्चित किया जा सके। साथ ही महापंचायत ने ऐलान किया कि, 28 अगस्त को एक बार फिर से ब्रजमंडल यात्रा निकाली जाएगी। नूंह के एसपी नरेंद्र बिजारणिया ने मीडिया को बताया कि, नूंह में हिंदू समूहों द्वारा महापंचायत की अनुमति मांगी गई थी, लेकिन सुरक्षा कारणों से अनुमति नहीं दी गई। उन्होंने कहा, नूंह में स्थिति अब शांतिपूर्ण है। हरियाणा सरकार ने शुक्रवार को नूंह जिले में मोबाइल इंटरनेट और एसएमएस सेवाओं का निलंबन 13 अगस्त तक बढ़ा दिया। हरियाणा के गृह सचिव द्वारा पारित आदेश में कहा गया कि जिले में हालात अभी भी गंभीर और तनावपूर्ण हैं।