माफिया अतीक अहमद (Atiq Ahmed) और उसके भाई अशरफ़ के ISI कनेक्शन के बारे में बड़ा खुलासा हुआ है। पुलिस के मुताबिक 2021 में गिरफ़्तार किए गए आतंकी ज़ीशान (Zeeshan) का पासपोर्ट बनवाने के लिए अशरफ़ ने अपने लेटर पैड पर चिट्ठी लिखकर पासपोर्ट ऑफ़िसर को भेजी थी। जनवरी 2017 की इस चिट्ठी से साफ पता चलता है कि अशरफ ने करेली से गिरफ्तार आतंकी जीशान कमर की पासपोर्ट बनवाने में मदद की थी। अशरफ ने पासपोर्ट अधिकारी को पत्र लिखकर जीशान कमर को जानने और पासपोर्ट बनाने की बात लिखी थी। अपने लेटर हेड पर अशरफ ने जीशान कमर को अच्छी तरह जानने की बात कही थी। जबकि आरोप है कि…
- ज़ीशान को पाकिस्तान में हथियार चलाने की ट्रेनिंग दी गई थी - और प्रयागराज में रहकर आतंकी गतिविधियों को बढ़ाने का जिम्मा सौंपा गया था। - उसने अपने मददगारों के ज़रिए लखनऊ से भारी मात्रा में हथियार लेकर नैनी में छिपा दिया था। - वो ऑनलाइन खजूर बेचने के बहाने आतंकी गतिविधियों को संचालित कर रहा था।
अतीक और अशरफ का ISI से संबंध वाला कबूलनामा
पुलिस की पूछताछ में अतीक और अशरफ ने अपना ISI कनेक्शन कबूला था। पाकिस्तान से हथियार खरीदने की भी बात को स्वीकारा था। पुलिस की पूछताछ में अतीक और अशरफ ने कबूल किया था कि वो ISI से संपर्क में थे। उन्होंने ये बात भी कबूली थी कि वो पाकिस्तान से हथियार खरीदते थे। ऐसे में सवाल ये है कि क्या कथित आतंकी ज़ीशान कमर के जरिये ही माफिया ब्रदर्स ISI से जुड़े थे।