ODISHA: ओडिशा में भगवान जगन्नाथ (Lord Jagannath) की 146वीं रथयात्रा (Rath Yatra) की शुरुआत हो गई। तीन रथ श्री जगन्नाथ मंदिर के सिंह द्वार से देवी-देवताओं को लेकर गुंडीचा मंदिर के लिए रवाना हुए। लाखों की संख्या में देश-विदेश से जुटे श्रद्धालुओं ने भगवान बलभद्र, देवी सुभद्रा और भगवान जगन्नाथ के रथ को खींचा।
परंपरा के अनुसार सबसे पहले भगवान बलभद्र का रथ रवाना हुआ, जो करीब 45 फीट ऊंचा और लाल और हरे रंग है। इसका नाम 'तालध्वज' है। इसके पीछे देवदलन नाम का सुभद्रा का करीब 44 फीट ऊंचा लाल और काले रंग का रथ दिखा। जबकि सबसे पीछे भगवान जगन्नाथ का 45 फीट ऊंचा पीले रंग का नंदीघोष रथ नज़र आया।
रथयात्रा पुरी (Puri) के जगन्नाथ मंदिर से करीब तीन किलोमीटर दूर गुंडिचा मंदिर तक जाती है, जो कि भगवान जगन्नाथ, उनके भाई बलभद्र और बहन सुभद्रा की मौसी का घर माना जाता है। इसे गुंडिचा यात्रा भी कहते हैं। पुरी की जगन्नाथ यात्रा में शामिल तीनों रथों का निर्माण हर साल एक खास तरह की लकड़ी से किया जाता है। इन्हें बढ़इयों का एक दल बनाता है जो पीढ़ियों से ये काम करते आ रहे हैं।
पुरी में देश की सबसे बड़ी रथयात्रा से पहले सुबह मंगला आरती हुई। तीनों भगवानों को खिचड़ी का भोग लगाया गया। फिर रथों की पूजा हुई। रथ में पहले बलभद्र, फिर बहन सुभद्रा और इसके बाद भगवान जगन्नाथ को बिठाया गया। जिसके बाद राजपरिवार के दिव्यसिंह देव ने रथ की पूजा और आरती की। सोने की झाड़ू से बुहारा लगाई, और रथयात्रा की शुरुआत हुई।
पुरी भक्ति के रंग में सराबोर नज़र आई। तीनों रथों को फूलों से सजाया गया। भक्त अपने भगवान के दर्शन करते दिखे। जबकि लोकनृत्य का रंगारंग कार्यक्रम भी हुआ। पूरे जगत के जगन्नाथ के दर्शन मात्र से श्रद्धालु अभिभूत नज़र आए। इस साल 20 जून को शुरु हुई रथयात्रा 1 जुलाई को समाप्त होगी।
पुरी की रथयात्रा में शामिल होने के लिए केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव (Ashwini Vaishnaw) और धर्मेंद प्रधान (Dharmendra Pradhan) भी पुरी पहुंचे। इनके साथ बीजेपी के प्रवक्ता संबित पात्रा भी थे। तीनों ने जगन्नाथ रथयात्रा के अवसर पर पुरी में शंकराचार्य स्वामी निश्चलानंद सरस्वती के दर्शन किए। वहीं पीएम मोदी (PM Modi) ने भी पूरे देश को रथयात्रा की शुभकामनाएं दीं।
ओडिशा के पुरी में रथयात्रा के बाद देश की दूसरी सबसे बड़ी रथयात्रा अहमदाबाद (Ahmedabad) के जमालपुर स्थित भगवान जगन्नाथ मंदिर में निकाली गई। यहां सबसे पहले देश के गृहमंत्री अमित शाह (Amit Shah) ने सुबह जमालपुर जगन्नाथ मंदिर में परिवार समेत मंगला आरती की। इससे पहले सुबह 4.30 बजे भगवान को खिचड़ा हुआ। जबकि, 6.30 बजे भगवान की तीनों मूर्तियों को रथ में विराजमान किया गया। अहमदाबाद में रथयात्रा सुबह 7 बजे शुरू हो गई। मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल (Bhupendrabhai Patel) पाहिंद विधि कर रथ यात्रा की शुरुआत की।
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू (Droupadi Murmu) ने दिल्ली के जगन्नाथ मंदिर में पूजा की। आज उनका 65वां जन्मदिन भी है। जबकि कोलकाता में पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी (Mamata Banerjee) इस्कॉन की रथ यात्रा में शामिल हुईं। इस दौरान उन्होंने पूजा अर्चना भी की।