राष्ट्रीय राजधानी सिविल सेवा प्राधिकरण (National Capital Civil Service Authority) बनाने के केंद्र (Center Govt) के अध्यादेश (Ordinance) पर सीएम अरविंद केजरीवाल (CM Arvind Kejriwal) भड़क गए हैं। अरविंद केजरीवाल ने केंद्र सरकार (Center Govt) पर बड़ा हमला बोला और सुप्रीम कोर्ट को चुनौती देने का आरोप लगाया। दरअसल हाल ही में सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने फैसला दिया था कि अधिकारियों की तैनाती और तबादले (transfer-posting) का अधिकार दिल्ली सरकार (Dehi Government) के पास होगा। मगर केंद्र ने एक अध्यादेश जारी किया है। जिसमें अधिकारियों के ट्रांसफर-पोस्टिंग (transfer-posting) को लेकर नेशनल कैपिटल सिविल सर्विसेज अथॉरिटी (NCCSA) बनाने की बात कही गई है।
केजरीवाल ने कहा कि कोर्ट बंद होने के बाद अध्यादेश लाया गया। अध्यादेश लाकर कोर्ट के आदेश को पलटा गया। ये अध्यादेश सुप्रीम कोर्ट की अवहेलना है।केजरीवाल ने केंद्र सरकार के अध्यादेश को गैरकानूनी बताया। केजरीवाल ने कहा कि…
'एक हफ्ते पहले सु्प्रीम कोर्ट ने जजमेंट दिया था। जैसे ही सु्प्रीम कोर्ट गर्मी की छुट्टी के लिए बंद हुआ ये अध्यादेश ले आए। क्योंकि वो जानते हैं कि अध्यादेश अवैध है। उन्हें पता है कि अध्यादेश 5 मिनट भी कोर्ट में नहीं टिकेगा। जब 1 जुलाई को सुप्रीम कोर्ट खुलेगा तो हम इसे चुनौती देंगे। केजरीवाल ने कहा कि इस अध्यादेश को लाकर ऐसा लगता है कि जनता और देश के साथ एक भद्दा मजाक किया गया है। ऐसा लगता है कि केंद्र सरकार सुप्रीम कोर्ट को सीधी चुनौती दे रही है कि आप कुछ भी आदेश दें हम उस पर अध्यादेश लाकर पलट देंगे। ये चुनौती है कि अगर बीजेपी के अलावा किसी और पार्टी को चुनोगे तो हम उसे काम नहीं करने देंगे'।
केजरीवाल का दावा-दिल्ली से BJP को एक सीट भी नहीं मिलेगी
केजरीवाल ने कहा कि इस मुद्दे को लेकर वो दिल्ली की जनता के बीच जाएंगे और महारैली का भी आयोजन करेंगे। उन्होंने विपक्षी दलों से भी अपील की कि राज्यसभा में ये बिल आए तो उसे पारित न होने दें। उन्होंने कहा कि वो इस मुद्दे पर हर पार्टी के नेताओं से मिलकर समर्थन मांगूंगा। केजरीवाल ने दावा कि दिल्ली से इस बार लोकसभा चुनाव में बीजेपी को एक भी सीट नहीं मिलेगी।
केन्द्र के अध्यादेश में क्या है, सरलता से समझिए
अध्यादेश के मुताबिक नेशनल कैपिटल सिविल सर्विसेज अथॉरिटी (NCCSA) दिल्ली में अधिकारियों की तैनाती, तबादले और उनके खिलाफ मिली शिकायतों पर कार्रवाई करेगी। इस अथॉरिटी में दिल्ली के मुख्यमंत्री, मुख्य सचिव और प्रधान सचिव (गृह) होंगे. दिल्ली के मुख्यमंत्री NCCSA के अध्यक्ष, प्रधान सचिव (गृह) इस अथॉरिटी के सचिव और मुख्य सचिव सदस्य होंगे। ये अथॉरिटी बहुमत के आधार पर अधिकारियों की तैनाती-तबादले की सिफारिश करेगी, मगर अंतिम फैसला दिल्ली के उपराज्यपाल (LG) का होगा। एलजी चाहें तो फाइल वापस लौटा सकते हैं या उसे मंजूरी दे सकते हैं।