बकरीद (Bakrid) के मौके पर महाराष्ट्र (Maharashtra) के ठाणे (Thane) में बवाल मच गया। यहां मीरा रोड (Mira Road) की एक हाईराज हाउसिंग सोसायटी में हंगामा होने लगा। सोसायटी के लोग जमा हो गए, जय बजरंग बली, जय श्री राम के नारे लगाए जाने लगे। दरअसल, एक मुस्लिम परिवार कुर्बानी (Sacrifice) के लिए बकरे (Goat) खरीदकर लाया और उन्हें अपने फ्लैट (Flat) में चोरी-छिपे लेकर चला गया। आरोप है कि जब मंगलवार तड़के लोग सो रहे थे तो बकरों को लिफ्ट से मुस्लिम परिवार (Muslim Family) अपने फ्लैट में ले गया।
प्रतिबंध के बावजूद फ्लैट में बकरे लेकर आया मुस्लिम परिवार
सोसायटी में किसी भी जानवर (Animal) के रखने पर प्रतिबंध है। लेकिन आरोप है कि नियमों की अनदेखी कर मुस्लिम परिवार दो बकरों को लेकर सोसाइटी (Housing Society) के अंदर दाखिल हो गया। जिसके बाद सोसायटी के लोग जमा हो गए और बकरे लाने का विरोध करने लगे। सोसायटी के लोगों का कहना था कि बिल्डर ने बकरों को रखने के लिए अलग जगह दी है, फिर भी मुस्लिम परिवार बकरों को घर ले आया। विरोध करने वाले लोगों का कहना था कि जिस सोसायटी में लोग रहते हैं वहां फ्लैट में बकरों को रखना किसी भी तरह से जायज़ नहीं ठहराया जा सकता।
मुस्लिम परिवार की ज़िद पर सोसायटी में हंगामा
सोसायटी के लोग अपना तर्क देते रहे, लेकिन मुस्लिम परिवार टस से मस नहीं हुआ। इस वजह से
बवाल इतना बढ़ गया कि सोसायटी में हिंदू संगठन (Hindu organization) के लोग पहुंच गए और फिर जमकर नारेबाजी होने लगी। हिंदू संगठन के लोगों ने सोसाइटी के अंदर हनुमान चालीसा का पाठ शुरू कर दिया। जय श्रीराम और जय बजरंग बली के नारे भी लगाए गए। सोसायटी के लोगों का कहना है कि मुस्लिम परिवार ने जानबूझकर नियमों की अनदेखी की। उनका कहना था कि मुस्लिम परिवार किसी भी हाल में फ्लैट के अंदर ही बकरों की कुर्बानी देना चाहता था।
मुस्लिम परिवार ने सोसायटी के लोगों पर दर्ज कराई FIR
बवाल बढ़ने के बाद मौके पर पुलिस पहुंची। पुलिस ने किसी तरह भीड़ को मौके से हटाया। पुलिस के आला अफसरों ने मुस्लिम परिवार को काफी समझाया जिसके बाद वो बकरों को सोसाइटी से बाहर लेकर गए। तनाव को देखते हुए फिलहाल पुलिस ने सोसायटी और उसके आसपास भीड़ जुटाने पर रोक लगा रखी है। हालांकि, सोसायटी से बकरों को बाहर किए जाने और अपने साथ हुए बर्ताव से मुस्लिम परिवार बहुत नाराज है। परिवार ने इस मामले में FIR दर्ज कराई है। FIR सोसायटी में बकरों को लाने वाले मोहसिन खान की पत्नी यास्मीन ने दर्ज कराई है। इसमें सोसायटी में रहने वाले लोगों को आरोपी बनाया गया है।
अल्पसंख्यक बताकर मुस्लिमों को विशेषाधिकार क्यों ?
हिंदुस्तान में राजनीतिक दलों से लेकर कई संगठन मुस्लिमों के अधिकारों, उनकी मान्यताओं, उनके अपने कायदे-कानूनों की बात करते रहते हैं। लेकिन, सवाल ये है कि मुस्लिमों को विशेषाधिकार क्यों मिलना चाहिए। क्या हर चीज़ में मुस्लिमों को अल्पसंख्यक बताकर दूसरे की भावनाओं को ठेस पहुंचाने की छूट मिलनी चाहिए। अगर एक मुस्लिम परिवार को अपने फ्लैट में कुर्बानी देने का अधिकार है, तो क्या उसी फ्लैट के बगल में रहने वाले जैन, बौद्ध और हिंदू को अपने धर्म का पालन करने की इजाजत नहीं मिलनी चाहिए। एक देश और कानून के तहत सभी के साथ न्यायसंगत व्यवहार नहीं होना चाहिए। मुसलमानों को अल्पसंख्यक बताकर दूसरे धार्मिक अल्पसंख्यकों की भावनाओं को ठेस पहुंचाना कितनाा उचित है।