देश की संसदीय राजनीति में 60 साल से ज़्यादा का वक्त बीता चुके शरद पवार (Sharad Pawar) अपने माइंड गेम के लिए मशहूर हैं। चार बार महाराष्ट्र (Maharashtra) के मुख्यमंत्री रह चुके शरद पवार सियासी चौसर पर चतुर चाल चलने में माहिर हैं। देश के कृषि मंत्री रह चुके शरद पवार को अच्छी तरह पता है कि, कब कौन सा दांव चलना है। यही वजह है कि, अभी तक वो I.N.D.I.A में शामिल विपक्षी दलों को चकरघन्नी बनाए हुए हैं। वो विपक्षी दलों की मीटिंग में शामिल होते हैं, मोदी को 2024 में हराने की रणनीति बनाते हैं, और इसके साथ ही पीएम मोदी (PM Modi) को लोकमान्य तिलक सम्मान देते हैं, उनके साथ मंच साझा करते हैं। यही नहीं NDA में शामिल हो चुके अपने भतीजे अजीत पवार (Ajit Pawar) के साथ सीक्रेट मीटिंग भी करते हैं।
कांग्रेस नेताओं ने उठाए शरद पवार की नीयत पर सवाल
पिछले दिनों पुणे में अजीत पवार अपने चाचा शरद पवार से मिले थे। जिसके बाद इस बात की चर्चा होने लगी कि, शरद पवार और उनकी बेटी सुप्रिया सुले बहुत जल्द NDA में शामिल हो जाएंगे। खबरें तो यहां तक आईं कि, बाप-बेटी को केंद्रीय मंत्रीमंडल में शामिल किया जा सकता है। दोनों को मंत्री पद दिया जा सकता है। दावा तो ये भी किया गया कि शरद पवार को कृषि मंत्री बनाया जा सकता है। जिसके बाद आग में घी डालने का काम किया कांग्रेस नेता पृथ्वीराज च्वहाण (Prithviraj Chavan) ने। उन्होंने शरद पवार और सुप्रिया सुले (Supriya Sule) की मंशा पर सवाल उठाए और जनता भ्रमित करने का आरोप लगाया। उनके साथ अशोक चव्हाण और महाराष्ट्र कांग्रेस के अध्यक्ष नाना पटोले (Nana Patole) ने भी शरद पवार से इस मामले प्रतिक्रिया देने की मांग की। दोनों ने कहा कि शरद पवार को बताना चाहिए कि, उनके मन में क्या चल रहा है।
सुप्रिया सुले ने बीजेपी के ऑफर से किया इनकार
इसमें दो राय नहीं कि शरद पवार अगर NDA में शामिल होते हैं तो I.N.D.I.A वालों को बहुत बड़ा झटका लगेगा। जबकि, BJP के लिए ये बिन मांगे मुराद जैसा होगा। यही वजह है कि शरद पवार और उनकी बेटी सुप्रिया सुले पर सफाई देने का दबाव बढ़ने लगा। विपक्षी दल दबे सुर में कहने लगे कि, पवार साहब को ये बताना चाहिए की वो किसके साथ हैं। लिहाज़ा, सबसे पहले सामने आईं शरद पवार की बेटी सुप्रिया सुले। उन्होंने पत्रकारों से कहा कि, उन्हें किसी भी तरह का ऑफर नहीं मिला है। वो राहुल गांधी, सोनिया गांधी, मल्लिकार्जुन खरगे जैसे कांग्रेस (Congress) के वरिष्ठ नेताओं से संपर्क में हैं। लेकिन, महाराष्ट्र के उन नेताओं से उनका कोई संपर्क नहीं जो अटकलों का बाज़ार गर्म कर रहे हैं।
शरद पवार की प्रेस कॉन्फ्रेंस, बीजेपी पर प्रहार
सुप्रिया सुले ने तो सफाई दे दी। उन्होंने साफ कर दिया कि बीजेपी की ओर से उन्हें कोई ऑफर नहीं मिला है। लेकिन, यहां एक बात गौर करने वाली है, वो ये कि, सुप्रिया सुले ने सीधे-सीधे ये नहीं कहा कि वो NDA का हिस्सा नहीं होने वाली। खैर, सुप्रिया सुले के बाद शरद पवार ने प्रेस कॉन्फ्रेंस की। उन्होंने ऐसी अटकलों को खारिज करने के साथ बीजेपी पर जमकर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि, बीजेपी देश में नफरत फैला रही है और समाज को बांटने का काम कर रही है। उन्होंने ये भी कहा कि, मध्यप्रदेश और महाराष्ट्र में सरकारों को अस्थिर किया गया गया, प्रधानमंत्री को मणिपुर पर और बोलना चाहिए था। शरद पवार ने अजीत पवार गुट के खिलाफ कोर्ट जाने की बात भी कही, जिसने उनके मना किए जाने के बावजूद उनकी फोटो का इस्तेमाल अपने पोस्टर्स में किया। लेकिन, शरद पवार ने ये भी कहा कि, अजीत पवार से मुलाकात करना उनका पारिवारिक और व्यक्तिगत मुद्दा, जिसपर वो चर्चा नहीं कर सकते।
क्या शरद पवार अब भी बहुत कुछ छिपा रहे हैं?
अजीत पवार की अपने चाचा शरद पवार से तीन बार मुलाकात हो चुकी है। इन मुलाकातों के बाद ही कांग्रेस और शिवसेना के नेताओं के नाराजगी वाले बयान आने शुरू हुए। सबको लगने लगा कि पवार अंदरखाने कुछ तो कर रहे हैं। भले ही शरद पवार और उनकी बेटी सुप्रिया सुले ने किसी भी खेल से इनकार किया हो। लेकिन, अब भी संशय की स्थिति बरकरार है। कुछ सवाल हैं जिनके जवाब विपक्षी दल मांग रहे हैं। मसलन, अजीत पवार के खिलाफ अबतक शरद पवार कोर्ट क्यों नहीं गए? ऐसी क्या मजबूरी थी कि विपक्षी दलों के गठबंधन में शामिल होने के बावजूद शरद पवार को पीएम मोदी के साथ मंच साझा करना पड़ा? बार-बार परिवार की दुहाई देकर शरद पवार अपने भतीजे अजीत पवार से क्यों मिल रहे हैं? शरद पवार खुलकर क्यों नहीं कहते कि, वो बीजेपी के साथ कभी हाथ नहीं मिलाएंगे?