जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने बुधवार को पुंछ जिले में नवग्रह मंदिर का दौरा किया और एक शिवलिंग पर जल चढ़ाया। जिसके बाद बीजेरी और मुस्लिम मौलवियों ने उनकी आलोचना की। बीजेपी ने उनकी मंदिर यात्रा को “नाटक और नौटंकी” के रूप में खारिज कर दिया। जबकि उत्तर प्रदेश के देवबंद में एक मौलाना ने कहा कि महबूबा मुफ्ती ने जो किया वह इस्लाम में स्वीकार्य नहीं था।
इत्तेहाद उलेमा ए हिंद के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष मुफ्ती असद कासमी ने कहा कि, चाहे वह महबूबा मुफ्ती हों या कोई अन्य आम मुसलमान, हर कोई जानता है कि हमारा धर्म क्या कहता है, हमारा धर्म क्या अनुमति देता है और हमारे धर्म में क्या प्रतिबंधित है। वहीं महबूबा मुफ्ती ने गुरुवार को अपनी बात रखी और मंदिर जाने का बचाव किया। गुरुवार को महबूबा मुफ्ती ने मौलवियों पर निशाना साधा और कहा कि वह अपने “धर्म को अच्छी तरह से जानती हैं”।
''हम एक धर्मनिरपेक्ष राष्ट्र हैं। हम 'गंगा जमुनी तहज़ीब' का पालन करते हैं। मैं सभी धर्मों का सम्मान करती हूं। मैं हमारे नेता स्वर्गीय यशपाल शर्मा जी द्वारा बनवाए गए एक मंदिर में गयी। ये एक सुंदर मंदिर है। मंदिर में किसी ने मुझे प्रेम से जल से भरा पात्र थमा दिया। मैंने उनके स्नेह और भक्ति का सम्मान किया और शिवलिंग का जलाभिषेक किया।''
पीडीपी प्रमुख ने कहा कि, “देवबंद के मौलाना ने जो कहा है, उस पर मैं कोई टिप्पणी नहीं करना चाहती। मैं अपने धर्म को अच्छी तरह जानती हूं। ये मेरा निजी मामला है कि मैं कहां जाती हूं।”