Thursday, November 21, 2024
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AmritPal Singh: अमृतपाल सिंह पर कार्रवाई से बचने का पुलिसिया तर्क, जानिए कैसे अमित शाह को धमकी देने के बाद भी खुला घूम रहा है अमृतपाल

पंजाब: खालिस्तानी समर्थक अमृतपाल के करीबी लवप्रीत सिंह तूफान को आखिरकार जेल से छोड़ दिया गया। अजनाला कोर्ट के आदेश पर तूफानी को अमृतसर जेल से रिहा कर दिया गया। उसके समर्थकों ने गुरुवार को अजनाला पुलिस स्टेशन पर धावा बोल दिया था। समर्थक हाथों में तलवार लहराते, बंदूक दिखाते और लाठी डंडों के साथ आ धमके थे, उसकी मांग थी कि लवप्रीत तूफान को फौरन रिहा किया जाए। उसे छोड़ने के संकेत तो कल ही मिल गए थे, और अब उसे रिहा कर दिया गया है।

कट्टरपंथ का पाठ पढ़ाने वाले अमृतपाल सिंह के समर्थकों के खिलाफ अपनी निष्क्रियता का बचाव करते हुए, पंजाब पुलिस ने शुक्रवार को कहा कि, ‘अमृतपाल के समर्थकों के हाथ में बंदूक और तलवारों के साथ पवित्र गुरु ग्रंथ साहिब भी था। अगर हम कोई एक्शन लेते तो हालात और बिगड़ सकते थे। गुरु ग्रंथ साहिब की गरिमा बनाए रखने के लिए संयम के साथ काम किया।’ जबकि, अमृतपाल सिंह के करीबी सहयोगी लवप्रीत सिंह उर्फ तूफान की रिहाई को लेकर गुरुवार को खालिस्तान समर्थक अमृतपाल सिंह के सपोर्टर्स ने जमकर हंगामा किया था। उनमें से कुछ ने तलवारें और बंदूकें लहराईं, बैरिकेड्स तोड़ दिए और अमृतसर शहर के बाहरी इलाके अजनाला में एक पुलिस स्टेशन में घुस गए थे। पुलिसवालों की पिटाई भी की। SP इस कदर चोटिल हुए थे कि उन्हें 11 टांके लगे।

अमृतपाल सिंह कैसे बना खालिस्तान का चेहरा ?

दुबई से लौटे अमृतपाल सिंह को खालिस्तान समर्थक बताया जाता है। अमृतपाल सिंह को हाल ही में अभिनेता और कार्यकर्ता दीप सिद्धू द्वारा स्थापित संगठन ‘वारिस पंजाब दे’ का प्रमुख नियुक्त किया गया था, जिसकी पिछले साल फरवरी में एक सड़क दुर्घटना में मृत्यु हो गई थी। इससे पहले अमृतपाल सिंह अपने परिवार के ट्रांसपोर्ट बिजनेस में था। लेकिन बाद में पंजाब के अधिकारों की रक्षा करने और सामाजिक मुद्दों को उठाने के लिए सिद्धू द्वारा गठित संगठन का प्रमुख बनाया दिया गया। भिंडरावाले के अनुयायी होने का दावा करने वाले अमृतपाल सिंह ने पिछले कुछ हफ्तों के दौरान कुछ विवादित भाषण दिए हैं। यही नहीं अमृतपाल सिंह ने कहा है कि…

''खालिस्तान के हमारे उद्देश्य को बुराई के तौर पर नहीं देखा जाना चाहिए। इसे बौद्धिक दृष्टिकोण से देखा जाना चाहिए कि इसके भू-राजनीतिक लाभ क्या हो सकते हैं। यह एक विचारधारा है और विचारधारा कभी मरती नहीं है। हम दिल्ली से कुछ नहीं मांग रहे हैं।''

लेकिन, एक न्यूज चैनल ने जब उससे ये पूछा कि खालिस्तान में पाकिस्तान क्यों नहीं आता, तो उसने बड़ने चतुराई से इसका जवाब दिया। उसने कहा कि, ‘जब हम एक बार यहां खालिस्तान बना लेंगे तब पाकिस्तान की ओर जाएंगे, खालसा हर जगह राज करेगा।’

अमृतपाल सिंह और उसके समर्थकों पर क्या है आरोप

खालिस्तानी समर्थक अमृतपाल सिंह और उसके समर्थकों पर चमकौर साहिब के रहने वाले बरिंदर सिंह को अगवा करने और मारपीट करने का आरोप था। बरिंदर सिंह ने पुलिस को शिकायत की थी कि अमृतपाल के साथियों ने उसे अजनाला में अगवा कर लिया था और एक अज्ञात जगह पर ले गए। जहां उसकी बेरहमी से पिटाई की गई। इस शिकायत पर पुलिस ने अमृतपाल और उसके समर्थकों पर केस दर्ज किया था। पुलिस ने अमृतपाल के करीबी लवप्रीत तूफान को हिरासत में लेकर पूछताछ की थी। जब लवप्रीत को हिरासत में लिया गया, तो समर्थक भड़क गए । उन्होंने थाने का ही घेराव कर दिया। स्थिति ये बन गई कि पुलिस कम पड़ गई। उसी मामले में पुलिस ने अब लवप्रीत को छोड़ दिया है।

अमृतपाल सिंह दे चुका है अमित शाह को धमकी

  • अमृतसर के जल्लूपुर खेड़ा गांव का रहने वाला है अमृतपाल सिंह
  • वह मारे गए आतंकवादी भिंडरांवाले जैसे हथियारबंद लोगों के साथ घूमता है
  • अमृतपाल के कुछ समर्थक उसे ‘भिंडरावाले 2.0’ कहते हैं
  • अमृतपाल सिंह हाल ही में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को धमकी दी थी
  • उसने कहा था कि अमित शाह का हश्र पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी जैसा होगा।

खालिस्तान के मुद्दे पर गरमाई पंजाब की राजनीति

गुरुवार की अजनाला घटना का जिक्र करते हुए पूर्व मुख्यमंत्री और बीजेपी नेता अमरिंदर सिंह ने कहा था, ‘पंजाब में कानून व्यवस्था ना सिर्फ पूरी तरह से चरमरा गई है, बल्कि ये इससे कहीं ज्यादा गंभीर है’। वहीं पंजाब कांग्रेस के प्रमुख अमरिंदर सिंह राजा वारिंग ने पिछले साल पुलिस महानिदेशक को पत्र लिखकर राज्य में अमृतपाल सिंह जैसे कट्टरपंथी तत्वों की बढ़ती गतिविधियों पर गंभीर चिंता व्यक्त की थी।

असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा ने साधा निशाना

असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने अमृतपाल के बहाने राहुल गांधी पर निशाना साधा है। सरमा ने कहा कि पंजाब के कट्टरपंथी नेता और स्वयंभू खालिस्थानी अमृतपाल सिंह राहुल गांधी की भाषा बोलते हैं। कांग्रेस और उसके नेताओं को विभाजनकारी भाषा का इस्तेमाल करने के लिए माफी मांगनी चाहिए। सीएम हिमंत बिस्वा ने कहा कि देखिए कौन राहुल गांधी की भाषा बोलता है। अमृतपाल सिंह, जिसने अमृतसर में एक पुलिस स्टेशन पर खुलेआम धावा बोल दिया, उनके शब्दों का अनुकरण कर रहा है।

अमृतसर में बवाल के बाद पसरा सन्नाटा !

पुलिस की मानें तो फिलहाल स्थिति शांतिपूर्ण और नियंत्रण में है। यह पूछे जाने पर कि क्या गुरुवार की हिंसा के संबंध में मामला दर्ज किया गया है, पुलिस टालमटोल करती रही। पुलिस ने कहा कि परिसर और उसके आसपास कड़ी सुरक्षा व्यवस्था की गई है। गुरुवार को झड़प के दौरान कम से कम तीन पुलिसकर्मी घायल हो गए थे।

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