प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) ने द्वारका (Dwarka) में कई विकास परियोजनाओं की नींव रखी। उन्होंने श्री कृष्ण की नगरी में पूजा-अर्चना भी की। पीएम मोदी ने इस यात्रा की तस्वीरें साझा कीं और इसे दिव्य अनुभव बताया। उन्होंने कहा कि ''वो आध्यात्मिक वैभव और शाश्वत भक्ति के एक प्राचीन युग से जुड़ाव महसूस करते हैं और कामना करते हैं कि भगवान श्री कृष्ण हम सभी को आशीर्वाद दें।''
इससे पहले पीएम मोदी ने सुदर्शन सेतु (Sudarshan Bridge) को राष्ट्र को समर्पित किया, जो ओखा मुख्य भूमि और बेयट द्वारका द्वीप को जोड़ता है। ये पुल करीब 980 करोड़ रुपये की लागत से बनाया गया है। ये भारत का सबसे लंबा केबल आधारित पुल (India's longest cable-stayed bridge) है, जिसकी लंबाई 2.32 किलोमीटर है। सुदर्शन सेतु के दोनों ओर श्रीमद्भगवद्गीता (Srimad Bhagavad Gita) के श्लोक हैं।
द्वारका को द्वारवती के नाम से भी जाना जाता है। ये भारतीय सभ्यता की एक अत्यंत महत्वपूर्ण सांस्कृतिक और ऐतिहासिक पहचान है। शोधकर्ताओं के मुताबिक ये शहर महाभारत युद्ध के 1700 साल बाद यानी 1443 ईसा पूर्व में जलमग्न हो गया था। द्वारका को भगवान श्रीकृष्ण के राज्य की राजधानी माना जाता है। इसे गुजरात की पहली राजधानी भी माना जाता है।