संगम नगरी प्रयागराज में दिनदहाड़े कुख्यात विधायक राजू पाल हत्या मामले के मुख्य गवाह और उसके एक सुरक्षाकर्मी की शुक्रवार को गोली मारकर हत्या कर दी गई। एक अन्य सुरक्षाकर्मी गंभीर रूप से घायल हो गया। पुलिस ने कहा कि कुछ अज्ञात हमलावरों ने गवाह उमेश पाल के घर में घुसकर पहले उसे गोली मारी और बम से भी हमला किया। हमले में गंभीर रूप से घायल उमेश को एसआरएन अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां उसने दम तोड़ दिया। पुलिस कमिश्नर रमित शर्मा ने उमेश पाल की मौत की पुष्टि की है।
इस हमले में उमेश पाल के अलावा उनकी सुरक्षा में तैनात दो पुलिसकर्मी भी गंभीर रूप से घायल हो गए। राजू पाल हत्याकांड में पूर्व सांसद अतीक अहमद और उनके भाई व पूर्व विधायक अशरफ मुख्य आरोपी हैं। सभी आरोपी फिलहाल जेल में बंद हैं। उमेश पाल का घर धूमनगंज थाने से करीब 200 मीटर की दूरी पर है। राजू पाल हत्याकांड में अपना अंतिम बयान देने के बाद उमेश पाल जैसे ही शुक्रवार शाम अपनी कार से हाईकोर्ट से घर पहुंचे, चार हमलावरों ने उन पर गोलियां चलानी शुरू कर दीं। उमेश भागकर घर के अंदर गये। दोनों पुलिसकर्मियों ने उन्हें बचाने की कोशिश की और अंदर ले जाने लगे। हमलावर अंदर घुसे और कई गोलियां चलाईं और देसी बम फेंके। उमेश और दोनों सुरक्षाकर्मी गोलियों और बमों की चपेट में आ गए।
पुलिस कांस्टेबल राघवेंद्र सिंह और संदीप मिश्रा की हालत गंभीर बताई जा रही है। राजू पाल हत्याकांड में पूजा पाल और उमेश पाल के वकील विक्रम सिन्हा ने बताया कि उमेश शाम चार बजे तक उनके साथ कोर्ट में थे। अतीक अहमद के सांसद बनने के बाद खाली हुई इलाहाबाद पश्चिम सीट से राजू पाल 2005 के विधानसभा उपचुनाव में बसपा के टिकट पर विधायक बने थे। राजू पाल ने अतीक अहमद के भाई खालिद अजीम उर्फ अशरफ को हराया। आरोप है कि करारी हार का बदला लेने के लिए राजू पाल का 25 जनवरी 2005 को दिनदहाड़े पीछा किया गया और गोली मारकर हत्या कर दी गई। इस घटना में उमेश पाल मुख्य गवाह थे।